चंद्रपुर

Published: Dec 04, 2021 10:40 PM IST

Agitationविदर्भ राज्य के मुद्दे से मूंह मोडनेवाली एनडीए सरकार का निषेध, 7 को विदर्भ के सभी जिलों में होगा आंदोलन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चंद्रपुर. स्वतंत्र विदर्भ राज्य की मांग वर्ष 1905 से है इस मांग को मध्यप्रांत और बेरार के विधानसभा ने भी मंजूरी दी है. साथ ही सरकार द्वारा गठित दार आयोग, जे.वी.पी. कमेटी, राज्य पुनर्रचना आयोग, संगमा समिति सहित अन्य समितियों ने भी राज्य सक्षम होने की रिपोर्ट दी  है.

भाजपा ने 1997 के भुवनेश्वर के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर विदर्भ की मांग उठायी थी. साथ ही 2014 के आमचुनाव के पूर्व भाजपा के तत्कालिन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितीन गडकरी ने विदर्भ वादियों को दिल्ली में सरकार में आने पर राज्य देने का लिखित अभिवचन दिया था.साथ ही भाजपा के वर्तमान और पूर्व तत्कालिन प्रांताध्यक्ष ने 2014 के आमचुनाव के पूर्व विदर्भ का जागर कर केन्द्र में एवं राज्य में भाजपा की सरकार आने पर विदर्भ राज्य की घोषणा करने का वादा किया था.

परंतु वर्ष 2014 और 2019 दो बार भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद भी जनता को दिया गया वादा पूरा किया गया. विदर्भ की जनता के साथ विश्वासघात कर विदर्भ के मु्द्दे से मूंह मोड लिया है. इसका निषेध कर प्रधानमंत्री मोदीएवं राज्यमंत्री नित्यानंद रॉय का आगामी 7 दिसंबर को विदर्भ के सभी जिलों में पुतला जलाने का आंदोलन विदर्भ राज्य आंदोलन संघर्ष समिति करेंगी. 

इस आंदोलन में नागरिकों को बड़ी संख्या में सम्मिलित होने का आहवान समिति के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप, पदाधिकारी मुकेश मासुरकर, डा. श्रीनिवास खांदेवाले, पी.के.बी चंक्रवर्ती, रंजना मामर्डे, विष्णूपंत आष्टीकर, अरूण केदार, मितीन भागवत, कपिल इद्दे, किशोर दहेकर, किशोर पोतनवार,अरूण नवले,सुदाम राठोड, रमेश नले, अंकुश वाघमारे, एड.वैशाली कटलावार, अनिल दिकोडवार सहित पदाधिकारियों ने किया है.