चंद्रपुर

Published: Aug 09, 2020 11:07 PM IST

लोकतांत्रिक प्रक्रियाराज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जाना दुर्भाग्यपूर्ण - एड.चटप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चंद्रपुर. पूर्व विधायक विदर्भवादी नेता एड. वामनराव चटप का कहना है कि अनेक वर्षों से गोवारी समाज अनुसूचित जनजाति की मान्यता के लिए संघर्ष कर रहा है. ऐसे परिस्थिति में गोवारी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का निर्णय दिए जाने पर इस निर्णय के खिलाफ सरकार का उच्चतम न्यायालय में जाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया में दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.

एड. चटप का कहना है कि गोवारी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने कीमांग को लेकर 1994 में नागपुर के विधानसभा अधिवेशन के दौरान 114 गोवारी शहीद हुए थे. हाईकोर्ट ने सभी प्रमाणों को देखते हुए गोवारी समाज को आदिवासी के रूप में मंजूरी दी है. देश के संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए विशेष प्रावधान है. ऐसे में हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती देने के लिए राज्य सरकार का उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह से गोवारी समाज पर अन्याय ऐसी प्रतिक्रिया एड. वामनराव चटप, प्रभाकर दिवे, अरूण नवले, एड. श्रीनिवास मुसले, पोर्णिमा निरंजने, ज्योत्सना मोहितकर, नीलकंठ कोरांगे, सुधीर सातपुते, तुकेश वानोडे, प्रा. नीलकंठ गौरकर, डा. संजय लोहे आदि ने किया है.