चंद्रपुर

Published: May 29, 2020 10:29 PM IST

बाघों का प्राकृतिक स्थानांतरणताड़ोबा : कृत्रिम स्थानांतरण बाघों के लिए खतरा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चंद्रपुर. ताड़ोबा-अंधारी ब्याघ्र प्रकल्प विश्व में बाघों के स्वर्ग के रूप में पहचाना जाता है. ताड़ोबा में घना जंगल और कई पशु-पक्षियों की प्रजातियां हैं. बाघों का अधिवास देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है. लेकिन राज्य के वनमंत्री संजय राठोड़ ने ताड़ोबा प्रकल्प के 50 बाघों को कृत्रिम तौर पर स्थानांतरण कराने की सूचना चंद्रपुर वन विभाग को दी है. यह निर्णय बाघों के लिए खतरनाक हो सकता है. इससे उनके आपसी संघर्ष व प्राकृति स्वभाव पर असर होगा. इसलिए बाघों का प्राकृतिक स्थानांतरण तथा पुनर्वास कराने की मांग मनसे पार्षद सचिन भोयर ने मुख्य वनसंरक्षक के माध्यम से केंद्रीय वन मंत्री व मुंबई वन सचिव मंत्रालय को भेजे गए निवेदन में की है.

160 में से 50 बाघों को पहुंचाएंगे दूसरे जंगल
पार्षद भोयर ने निवेदन में बताया कि ताड़ोबा अंधारी ब्याघ्र प्रकल्प में करीब 160 बाघ मौजूद हैं. जिनमें से 50 बाघों का कृत्रिम तौर पर स्थानांतरण करने की सूचना राज्य के वनमंत्री राठोड़ ने वन विभाग से की है. बाघों का कृत्रिम स्थानांतरण करने पर संबंधित क्षेत्र में बाघों के जीवित रहने की संभावना कम होती है. स्थानांतरण किए गए क्षेत्र में बाघ शिकार, शिकारियों से सुरक्षित है अथवा नहीं यह जानना आवश्यक है. क्षेत्र में पानी की उपलब्धता, संबंधित क्षेत्र के आसपास का परिसर तथा आसपास मौजूद गांवों में मवेशियों को दिया जाने वाले टीके का ज्ञान नहीं होने के कारण स्थानांतरित बाघ के स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकता है. स्थानांतरित बाघ हमेशा अपने मूल क्षेत्र की ओर लौटने की कोशिश करते हैं. ऐसे समय में उनकी सड़क दुर्घटना, आपसी संघर्ष, मानवी संघर्ष आदि के कारण मौत हो जाती है. जिससे बाघों की संख्या बढ़ने की बजाए मृत्यु दर बढ़ सकती है.

हल्लाबोल आंदोलन की चेतावनी
भोयर ने कहा कि ताड़ोबा के 50 बाघों का कृत्रिम तौर पर स्थानांतरण नहीं करते हुए उनका प्राकृतिक स्थानांतरण अथवा पुनर्वास करना चाहिए. इस संदर्भ में पुनर्विचार नहीं होने पर वन्य प्रेमियों के साथ वन विभाग कार्यालय तथा जिला कार्यालय पर हल्ला बोल आंदोलन करने की चेतावनी उन्होंने दी. प्रतिनिधि मंडल में शहर उपाध्यक्ष महेश वासलवार, विभाग अध्यक्ष तुषार येरमे, मंगेश चौधरी आदि शामिल थे. इस संदर्भ में केंद्रीय वनमंत्री, मुंबई वन सचिव मंत्रालय, चंद्रपुर मुख्य वन संरक्षक, ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक, नागपुर जैवविविधता मंडल तथा चंद्रपुर जिलाधीश को मांगों का निवेदन भेजा गया.