चंद्रपुर

Published: Mar 20, 2022 09:50 PM IST

Fast Movementपालकमंत्री की मध्यस्थता से छुटा बेरोजगारों का अनशन आंदोलन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

चंद्रपुर. चंद्रपुर जिले में निजि उद्योग व वेकोलि अंतर्गत आनेवाले निजि कंपनीयों में स्थानीय भूमिपूत्र बेरोजगार यूवकों को नोकरी पर लिए जाने, रोजगार के लिए आंदेालन करनेवालों पर लगाए गए झुठे अपराध दर्ज करनेवाले अधिकारीयों को निलम्बित करने की मांग को लेकर बेरोजगार स्थानीय युवकों ने मनसे शहर अध्यक्ष मनदिप रोडे के नेतृत्व में गांव के महीला व पुरूषें ने 7 मार्च से जिलाधिश कार्यालय समक्ष बेमीयादी अनशन शुरू किया था.

इस बीच भजन आंदोलन, अनशन पंडाल को तोरण आंदेालन आदि किए गए थे. अंत में 12 दिन तक चले संघर्ष पश्चात पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार की मध्यस्थता तथा स्थानीय युवकों को यहां के उद्योगों में नोकरी देने के आश्वासन के पश्चात अनशन आंदोलन पिछे लिया गया. दौरान पालकमंत्री के हाथों अनशनकर्ताओं का निंबुपानी पिलाया गया. 

जिले के युवकों को रोजगार के लिए मजबूरन पुणे, मुंबई जाकर नोकरीयां करनी पडती थी. जिससे स्थानीय युवकों में प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया जा रहा था. रोष के चलते अमोल पिंपलशेंडे, मंगेश तुमसरे, पंढरी तुमसरे, आकाश डोंगरे और महारत्न लोहकरे ने 7 मार्च से अनशन आंदोलन शुरू किया था. मंगलवार 15 मार्च को आकाश डोंगरे का स्वास्थ बिघड गया. जिसके बाद पुलिस ने जबरन आकाश को उठाकर सरकारी अस्पताल भर्ती किया था. परंतु आंदोलनकर्ता युवक अमेाल पिंपलशेंडे, मंगेश तुमसरे, पंढरी तुमसरे व महारत्न लोहकरे ने हार ना मानते हुवे वापस आंदोलन स्थल लौटकर अनशन आंदोलन को बैठ गए थे. 

अंत में 12 दिन के आंदोलन के पश्चात प्रशासन को बेरोजगार आंदोलनकारी युवकों के सामने झुकना ही पडा. पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार ने अनशन पंडाल को भेट देकर आंदोलनकारी युवकों से चर्चा कर मांगों के बारे में पुछताछ की. उन्होने निजि उद्योगों में स्थानीय युवकों को नोकरी दिलाने तथा इस संदर्भ में उद्योग प्रबंधको से चर्चा करने का आश्वासन दिया गया. तत्पश्चात पालकमंत्री वडेट्टीवार ने आंदोलनकारी युवकों को निंबु शरबत पिलाकर आंदोलन समाप्त किया. 

आंदोलन की सफलतार्थ आंदोलनकारीयों की आखों में आसु आ गए. पिछले 12 दिन पश्चात आंदोलन को सफलता मिलने पर आंदोलनकारीयो ने भंडारा के संपर्क प्रमुख तथा मनसे शहर अध्यक्ष मनदीप रोडे का पुष्पगुच्छ से स्वागत कर आभार माना. आंदोलन के सफलतार्थ अनशनकर्ता अमोल पिंपलशेंडे, मंगेश तुमसरे, पंढरी तुमसरे, आकाश डागरे, महारत्न लोहकरे ने सहयोग किया.