गड़चिरोली

Published: Jan 20, 2023 11:06 PM IST

Gondwana Universityविवि के नवनिर्मित सभागृह के नाम पर विवाद, संवाददाता सम्मेलन में की कुलपति के विभागीय जांच की मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गड़चिरोली. गोंड़वाना विवि के नवनिर्मित सभागृह को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापक तथा राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विद्यापीठ के पूर्व अधिसभा सदस्य स्व. दत्ता डिड़ोलकर का नाम देने को लेकर विवाद निर्माण हुआ है.

गड़चिरोली, चंद्रपुर जिले के शैक्षणिक, सामाजिक, सांस्कृतिक क्षेत्र से दुर-दुर तक संबंध नहीं होनेवाले व्यक्ति का नाम विवि के सभागृह को देना मामला नींदनीय होने का आरोप लगाते हुए गड़चिरोली व चंद्रपुर जिले के राजनितिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक संस्था के प्रतिनिधियों ने निषेध किया है. वहीं कुलपति डा. प्रशांत बोकारे के कार्य की विभागीय जांच कर उन्हें तत्काल निलंबित करने की मांग संबंधित प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मलेन में की है. 

गोंड़वाना विवि में मंगलवार को संपन्न हुए अधिसभा के बैठक में गोंड़वाना विवि के नवनिर्मित सभागृह को संघ परिवार के विद्यार्थी  शाखा वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापक स्व. दत्ताजी डोडीलीकर का नाम देने का प्रस्ताव पारित किया गया. उनका गड़चिरोली व चंद्रपुर जिले से कोई संबंध नहीं है. केवल वह संघ के विचार के प्रचारक के रूप में विवि के सभागृह का नाम देने का मामला नींदनीय आरोप भी लगाया गया.

उक्त प्रस्ताव वह चंद्रपुर, गड़चिरोली जिले के मिट्टी के शहीद वीर बाबुराव शेड़माके, महाराणी हिराई, विदर्भ के जबरनजोत आंदोलन के जनक नारायणसिंह उईके, जिला निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देनेवाले बाबुराव मड़ावी, सामाजिक कार्यकर्ता सुखदेवबाबु उईके,  गो. ना. मुनघाटे, राजे विश्वेश्वरराव महाराज जैसे अनेक मान्यवरों के कार्य का घोर अपमान करने की बात कहते हुए निषेध किया गया. संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष रोहिदास राऊत, हसंराज उंदिरवाड़े, कुसुम आलाम, डा. कैलास नगराले, राज बन्सोड़, विनोद मड़ावी, मुनीश्वर बोरकर एड. गोविंद भेंड़ालकर, उषाकिरण आत्राम, सुधा चौधरी, रेखा शेड़माके समेत अन्य उपस्थित थे. 

कुलपति के कामकाज की जांच करें 

गोंड़वाना विवि के नवनिर्मित सभागृह को स्व. दत्ताजी डीडोलकर का नाम देने का प्रस्ताव खारिज करने, उक्त नाम देेने का प्रस्ताव रखनेवाले गुरूदास कामड़ी व उनके प्रस्ताव को समर्थन देनेवाले 22 सिनेट सदस्य जिले के शहीद व मान्यवरों का अपमान करने से उनकी सदस्यता तत्काल खारिज करने आदि मांगों को साथ ही गोंड़वाना विवि के कुलपति डा. प्रशांत बोकारे के कार्य की जांच करने की मांग इस समय की गई.

लगाया गया आरोप गलत: कुलपति डा. बोकारे

गोंड़वाना विवि के कुलपति डा. बोकारे ने कहां कि, स्व. दत्ताजी डिड़ोलकर का नाम देने का प्रस्ताव यह अधिसभा ने पारित किया है. गुरूदास कामड़ी व उन्हें समर्थन देनेवाले 22 अधिसभ सदस्य यह लोकशाही मार्ग से सदस्य होने के कारण उनके निलंबन की मांग उचित नहीं है. मैंने विवि की जिम्मेदारी संभालने के बाद छात्रों के हित में उपक्रम चलाने का प्रयास किया है. जिससे संबंधितों द्वारा मुझकर पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है. ऐसी बात उन्होंने कही.