गड़चिरोली

Published: Jun 25, 2020 12:09 AM IST

बिजली बिल का फटकाभारी बिजली बिल से ग्राहक त्रस्त, एक साथ बिल आने से ग्राहक संकट में

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गड़चिरोली. कोरोना के चलते पहले ही वित्तीय संकट में रहने वाली जिले की आम जनता को बिल का बड़ा फटका लगा है. जून माह में आए हुए बिल को देखते ही ग्राहकों को हैरान हुए हैं. महावितरण के कारोभार के प्रति तीव्र रोष व्यक्त हो रहा है. कई जगह पर संतप्त ग्राहक बिजली वितरण कार्यालय पर भीड़ कर शोर मचा रहे हैं. किंतु संबंधित विभाग की ओर से किसी भी तरह का प्रतिसाद नहीं मिलने से कोरोना प्रादुर्भाव में पिछले 3 माह से हाथ में किसी भी तरह का काम नहीं है.

BPL धारकों पर संकट
लॉकडाउन कालावधि में कोराना संक्रमण के डर से महावितरण की ओर से घर-घर जाकर मीटर रीडिंग लेने का कार्य बंद किया गया था. इस दौरान ऑनलाइन बिजली भुगतान करने की सेवा वितरण विभाग की ओर शुरू थी. किंतु जिले का काफी क्षेत्र ग्रामीण व अतिदुर्गम क्षेत्र में आने से कइयों ने ऑनलाइन बिजली का भुगतान नहीं किया. जून माह में एक साथ आया हुआ बिल देखकर ग्राहक अचंभित रह गए हैं. बीपीएल धारकों को माह में आने वाला बिल 150 से 170 रुपयों का बील तीन माह के कालावधि में 1500 रूपयों तक आने से संबंधित ग्राहक चिंतित नजर आ रहे हैं. 

औसतन बिल से गरीबों को हो रही परेशानी
लॉकडाउन कालावधि में 3 माह से गरीबों के हाथ में किसी भी तरह का काम नहीं होने से उन पर गुजरबसर करने का बड़ा संकट आ चुका है. हाथ में काम नहीं, जेब में पैसे नहीं होने पर पिछले 3 माह का एक साथ आने वाला बिल वितरण विभाग के द्वारा भेजने से गुजरबसर कैसे करें. यह प्रश्न उनके सामने उपस्थित हो रहा है. सरकार द्वारा उक्त बीपीएल धारकों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन देने पर बिजली का भूर्दंड लगाकर ठगा जाने का आरोप लगाया जा रहा है. जिससे सरकार ने गरीबों की समस्या ध्यान में लेकर बिल की राशि खुद ही जमा कर जनता को राहत दिलाने की मांग जोर पकड़ रही है.

राजस्व वसूली के लिए अधिक बिल की वसूली
आयोग ने हाल ही में नया दर लागू किया है. लॉकडाउन के चलते पिछले 3 माह की नियमित रीडिंग नहीं ली गई. जिससे औसतन भुगतान भरा नहीं गया. जून माह में एक साथ 3 माह का बिल आने से ग्राहकों को बिल ज्यादा लग रहा है, यह बात महावितरण विभाग द्वारा बताया जा रहा है. किंतु बिल राजस्व इकठ्ठा करने के लिए महावितरण की ओर से भारी मात्रा में बिल देने का आरोप ग्राहकों की ओर से लगाया जा रहा है.