गड़चिरोली

Published: Dec 04, 2023 11:27 PM IST

Gas Cylinder PriceGadchiroli News: कब मिलेगी महिलाओं को धुएं से मुक्ति, कम होने के नाम नहीं ले रहे गैस सिलेंडर के दाम

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

गड़चिरोली. धुआं मुक्त रसोई तथा प्रदूषण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला गॅस योजना शुरू की गई. किंतु गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू ने से आम नागरिकों के पैर अब जंगल की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे है. वहीं महिलाएं भी अब दुबारा चुल्हे पर भोजन पकाने के लिये मजबूर हो गयी है. कोरोना महामारी के कारण लोगों को गुजर-बसर के लिए वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था. सरकार इस पर कोई ठोस उपाययोजना करेंगी, ऐसा आशा व्यक्त की जा रही थी. किंतु सरकार ने पेट्रोल, डीजल समेत घरेलु गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाने से आम नागरिकों को गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है. वहीं लोग पुन: जंगल की लकड़ी काटकर चुल्हे पर भोजन बनाते दिखाई दे रही है.

अब केरोसिन भी मिलना हुआ मुश्किल

कुछ वर्ष पहले हरेक घर की महिलाओं को केरोसिन मिलता था. किंतु वर्तमान में नये नियम नुसार जीन परिवार के पास गैस कनेक्शन है, ऐसे परिवारों को केरोसिन नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण नागरिकों के सामने बड़ी समस्या निर्माण हो गयी है. कोरची यह तहसील पुरी तरह जंगलव्याप्त है. ऐसे में आए दिन बिजली गुल होने के कारण लोगों को दिया लगाकर रात गुराजनी पड़ती है. किंतु सरकारी अनाज दुकानों से गैस कनेक्शन वाले परिवारों को केरोसिन नहीं दिए जाने के कारण नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस तहसील में गैस का उपयोग काफी कम होकर तहसील के नागरिकों को केरोसिन उपलब्ध करा देने की मांग तहसील के नागरिकों ने की है. 

मजदूरी करनेवाले 1000 रूपये कहां से लाए?

कोरची यह तहसील पुरी तरह उद्योग विरहित है. इस तहसील के अधिकत्तर नागरिक मजदूरी कर अपना जीवनयापन कर रहे है. वहीं जिले में रोजगार का अभाव है. जिसके कारण मजदूरों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ जीवनयापन करने की समस्या काफी गंभीर हो गयी है. लेकिन दुसरी ओर गैस सिलेंडर के दाम दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे है. वर्तमान स्थिति में गैस सिलेंडर के दाम 1000 रूपयों के पास पहुंच गया है. ऐसे में मजदूर वर्ग सिलेंडर के लिये 1000 रूपये कहा से लाए, ऐसा प्रश्र आम नागरिकों के सामने निर्माण हो गया है. 

जंगली पशुओं का बना रहता है भय

निरंतर गैस सिलेंडर के दामों में वृध्दि होने के कारण आम नागरिक तथा मजदूर वर्ग को सिलेंडऱ पर भोजन पकाना असंभव हो गया है. जिसके कारण नागरिक जंगल में जाकर लकडिय़ां चुनकर चुल्हे पर भोजन पकाना पंसद कर रहे है. लेकिन जंगल में जाने पर जंगल में हिसंक जंगली पशुओं का खतरा बना रहता है. पहले ही कोरची तहसील के विभिन्न गांवों के जंगल में तेंदुआ और बाघ की दहशत निर्माण हो गयी है. ऐसे में लोगों को जंगल में लडकियां लाने जाने के लिये अपनी जान दाव पर लगानी पड़ रही है.