गड़चिरोली

Published: Dec 26, 2020 12:41 AM IST

गड़चिरोलीअब ग्रापं सदस्य के लिए 7 वीं पास की शर्त - राज्य चुनाव आयोग का अध्यादेश जारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गडचिरोली. राज्य चुनाव आयोग ने सरपंच के आरक्षण चुनाव के पश्चात घोषित करने का निर्णय लेने से खलबली मची थी, ऐसे में आयोग ने ग्राम पंचाय तसदस्य से सरंपच पद के लिए कमसेकम 7 वीं पास की शर्त लगाने के चलते फिर से एक बार खलबली मचने की स्थिती दिखाई पड रही है. राज्य चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर को इस संदर्भ का परिपत्रक जारी करने से 7 वीं पास व्यक्ति को ही अब ग्रापं चुनाव लढने का मौका मिलनेवाला है. 

हाल ही में चुनाव आयोग ने राज्य के ग्राम पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया. जिसके तहत जिले के 361 ग्रामपंचायत चुनाव के नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हुई है. जिससे इच्छूकों के साथ राजनितिक दलों की सरगर्मियां तेज हुई है. ऐसे में चुनाव आयोग के इस नए अध्यादेश के कारण फिर से हंगामा निर्माण होने की स्थिती है. नए अध्यादेश के अनुसार जो उम्मीदवार वर्ष 1995 के बाद जन्मा हो तथा उसे सदस्य या सरपंच के रूप में नियुक्त करना हो तो संबंधित प्रत्याशी यह 7 वीं पास होना अनिवार्य है.

सरपंच का चयन सिधे चुनाव के बजाए चुनकर आए सदस्यों से ही करने संदर्भ में वर्ष 2020 का महाराष्ट्र अधिनियम क्रं. 2 अन्वये सरकारी राजपत्र प्रसिद्ध किया गया है. जिसमें दर्ज धारा 13 की उपधारा 2 अ में ‘सरपंच’ इस शब्द के बजाएं ‘सदस्य’ यह शब्द दाखिल किए जाएगा. राज्य चुनाव आयोग ने 11 दिसंबर 2020 को घोषित किए गए चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नामांकन दाखिल करनेवाले उम्मीदवारों को इस संदर्भ के स्पष्ट सूचना देने के निर्देश राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारी को दिए है. 

इस ग्रापं चुनाव में 2 महत्वपूर्ण बदलाव 

वर्ष 2020-21 के चुनाव में 2 महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने की बात दिखाई दे रही है. इससे पूर्व सरपंच व उपसरपंच का आरक्षण चुनाव के पूर्व किए जाते थे. मात्र इस वर्ष प्रथमबार चुनाव के पश्चात सरपंच व उपसरपंच का आरक्षण घोषित किया जानेवाला है. वहीं ग्रापं चुनाव के लिए 7 वीं पास इस नए शर्त के कारण केवल 7 वीं पास होनेवाले उम्मीदवारों को ही चुनाव लढने का मौका मिलेगा. इन 2 नए बदलाव के कारण स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महत्वपूर्ण ग्रापं चुनाव में हंगामा बढने की संभावना व्यक्त हो रही है. 

चुनाव होगे चुरसभरे

राज्य चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रम के पश्चात जिले के ग्रामीण अंचल में चुनावी सरगर्मीयां तेज हुई दिखाई दे रही है. नए नए अध्यादेश के कारा कुछ हंगामे की स्थिती व कुछ नाराजगी का आलम दिखाई दिया. मात्र विभीन्न राजनितिक दलों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी ग्रापं चुनाव के लिए कमर कसी है. जिससे गांव स्तर के यह चुनाव चुरसभरे होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है.