गड़चिरोली

Published: May 27, 2023 10:58 PM IST

Hunger Strikeप्रकल्प बाधितों के अनशन को एक माह पूर्ण, अबतक प्रशासन ने नहीं ली सूध

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गड़चिरोली. तेंलगाना सरकार द्वारा निर्मित सिरोंचा तहसील सीमा पर पर के गोदावरी नदी पर बहूचर्चित मेडीगट्टा-कालेश्वरम सिंचाई प्रकल्प सिरोंचा तहसील के किसानों के लिए अभिशाप बन रहा है. इस प्रकल्प के कारण तहसील के अनेक किसानों का व्यापक नुकसान होने के बावजूद सरकार द्वारा किसानों को नुकसान मुआवजा देने में अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाएं गए है. जिससे इन प्रकल्प बाधितों ने 26 अप्रैल से सरकार के खिलाफ अनशन शुरू किया है. इस आंदोलन को एक माह का समय पूर्ण होने के बावजूद प्रशासन कोई सुध नहीं ली है. 

मेडीगट्टा प्रकल्प के कारण सिरोंचा तहसील के सैंकडों हेक्टेयर जमीन नदी में समाविष्ट हुई है. जिससे किसानों का व्यापक नुकसान हुआ है. ऐसे में बरसात के दौरान प्रकल्प के बैक वॉटर के कारण प्रतिवर्ष सैंकडों हेक्टेयर खेतजमीन पानी के निचे आ रही है. जिससे किसानों का व्यापक नुकसान हो रहा है. इसके खिलाफ किसानों ने सरकार के खिलाफ विभिन्न मांगो को लेकर आंदोलन शुरू किया है. अनेक दिनों से किसान न्याय की प्रतिक्षा में है. आज इस आंदोलन का 32 वां दिवस है. बॉक्स हेतु…

इन मांगो का समावेश 

128 हेक्टेयर जमीन के भूसंपादन की प्रक्रिया तत्काल पूर्ण करे, पानी में अधिक जमीन डूबे किसानों के जमीन का तत्काल सर्वेक्षण करे, प्रकल्प के कारण जमीन काफी हिस्सा नदी में परिवर्तित हुआ है, सर्वे के अभाव में उन्हे नुकसान मुआवजा नहीं दिया गया. जिससे ऐसे किसानों के भी तत्काल सर्वेक्षण करे, जमीन पानी में बहकर न जाए, इसके लिए संरक्षण दिवार निर्माण करे, पीडित परिवार को प्रकल्पबाधित प्रमाणपत्र दे, सिंचाई का प्रबंधन करते हुए कोर्ला, कोपेला, झिंगानूर परिसर के गांवों को पानी की सुविधा दे आदि मांगो को लेकर उक्त आंदोलन किया जा रहा है.