गड़चिरोली

Published: Jun 26, 2022 11:06 PM IST

Paddyसरकार ही संकट में; समस्याएं कहां रखे?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

गड़चिरोली. केंद्र सरकार ने इस वर्ष रब्बी सीजन की धान खरीदी के लिए 1 लाख 35 हजार 509 क्विंटल ऐसी अल्प मर्यादा निश्चित कर दिए जाने से जिले के पंजीयनकृत 15 हजार से अधिक किसान संकट में आए है. धान खरीदी की मर्यादा में वृद्धि कराने की मांग को लेकर जिले में विभिन्न आंदोलन तथा ज्ञापनों का दौर शुरू था. किंतू बिते एक सप्ताह से महाविकास आघाडी सरकार ही संकटों में आकर गिरने के कगार पर है, ऐसे में जिले के किसान भी संकटों में आए है. 

सरकार ने जिला मार्केटींग फेडरेशन को निश्चित की गई धान खरीदी की मर्यादा समुचा सप्ताह बित चुका है, सभी धान खरीदी केंद्र बंद हुए है. अबतक जिले के 50 से 60 प्रश किसानों ने ही धान की बिक्री की है. अब भी 40 प्रश किसानों का रब्बी धान पड़ा है. वहीं दुसरी ओर खरीफ सीजन के बुआई के कार्य प्रारंभ हुए है. धान खरीदी केंद्र बंद होने से वह फिर से शुरू होंगे या नहीं इसे लेकर किसानों में संभ्रम निर्माण हुआ है. जिससे अनेक किसानों ने ट्रैक्टर में धान भरकर रखा है. वहीं कुछ किसानों का धान खरीदी केंद्र के बाहर ताडपत्री ढककर वैसा ही पड़ा है. बारिश के कारण यह धान खराब होने की संभावना निर्माण हुई है. 

दुसरी ओर इसी मौके का इंतजार करनेवाले निजि व्यापारियों द्वारा काफी कम दामों में धान की खरीदी की जा रही है. मजबुरन किसान सावकार या रिश्तेदारों के समक्ष हाथ फैलाने के बजाए कम दाम में निजि व्यापारियों को धान की बिक्री कर रहे है. इसमें किसानों को प्रति क्विंटल के पिछे करीब 700 से 800 रूपयों का नुकसान सहना पड़ रहा है. राज्य में महाविकास आघाडी सरकार की सत्ता गिरने के कगार पर आयी है. इसका फटका किसानों को लग रहा है. एक ओर प्रकृति की मार, तो दुसरी ओर सरकार की बेरूखी से किसानों में मायुसी छायी हुइ्र हे. 

व्यापारी हो रहे मालामाल, किसान कंगाल 

रब्बी धान खरीदी की मर्यादा बढाकर नहीं मिलने के कारण 40 प्रश किसानों का करीबन 8 लाख क्विंटल धान निजि व्यापारियों को बेचना पड़नेवाला है. अनेक व्यापारियों ने इसके लिए तैयारी भी कर रखी है. ऐसी जानकारी हे. 1200 रूपये प्रति क्विंटल धान खरीदी करना और वह गुजरात में भेजना ऐसा नियोजन भी कुछ व्यापारियों द्वारा किए जाने की जानकारी है. 

रब्बी का धान खरीफ में बेचने की नौबत ?

रब्बी सीजन के धान बिक्री के लिए जिले के पंजीयनकृत 15 हजार किसानों में से 40 प्रश किसान अब भी रब्बी धान बिक्री करने के प्रतिक्षा में है. वर्तमान स्थिती को देखते हुए धान खरीदी की मर्यादा बढने की संभावना काफी कम है. जिससे रब्बी सीजन का धान खरीफ सीजन में बेचने की नौबत किसानों पर आयी है. 

कम दामों में खरीदी के बाद भी कार्रवाई नहीं 

धान को सरकार ने 1940 रूपये समर्थनमुल्य घोषित किया है. समर्थनमुल्य से कम दामों में धान खरीदी न करे, ऐसा नियम है. इसके बावजूद निजि व्यापारियों द्वारा समर्थनमुल्य से कम दामों पर धान की खरीदी कर किसानों की वित्तीय लूट की जा रही है. इसके बावजूद संबोधितों पर कार्रवाई नहीं होने से आश्चर्य व्यक्त हो रहा है.