गड़चिरोली

Published: Aug 11, 2020 12:11 AM IST

ओबीसी मंत्रालय केंद्र में स्वतंत्र ओबीसी मंत्रालय शुरू करे - नाना पटोले

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गडचिरोली. अन्य पिछडा प्रवर्ग के साथ पिछडे प्रवर्ग पर विगत 25 वर्षो से हो रहा अन्याय दूर करने के लिए सुत्रबद्ध निती का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष पेश कर संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का जतन हो ऐसे निर्देश देने की कबुली विस अध्यक्ष नाना पटोले ने दी. ओबीसी समाज की जातिनिहाय जनगणना करने संदर्भ में  महाराष्ट्र विधानसभा में गैरसरकारी प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को वैसा प्रस्ताव भेजा होकर ओबीसी समाज की जातिनिहाय जनगणना कर केंद्र में स्वतंत्र मंत्रालय स्थापन करे, ऐसी मांग उन्होने की है. 

राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के 5 वें महाअधिवशन का वेबिनार हाल ही में संपन्न हुआ. इस समय उद्घाटक के रूप में नाना पटोले बोल रहे थे. इस मसय प्रमुख अतिथी के रूप में बिहार राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा विधायक तेजस्वी यादव, अन्य पिछडा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार थे. प्रमुख वक्ता के रूप में राष्ट्रीय पिछडा वर्गीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष तथा उच्च व तकनिकी शिक्षा विभाग आंध्र प्रदेश राज्य के अध्यक्ष जस्टीस व्ही. ऐश्वर्या, मध्यप्रदेश के आयुक्त व सचिव पी. नरहरी, तेलंगना राज्य के सचिव डा. आर. एस. प्रवीण कुमार, लीड इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. हरी ईपन्नापल्ली व राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. बबनराव तायवाडे उपस्थित थे.

डा तायवाडे ने प्रस्तावना में कहां कि, 70 वर्षो से ओबीसी समाज को अबतक सत्ता में आए प्रत्येक केंद्र सरकार ने संविधानिक अधिकार से वंचित रखने की बात कहीं. ओबीसी समाज के न्याय मांगो का प्रस्ताव केंद्र व राज्य सरकार की ओर पेश कर कर ओबीसी समाज को न्याय दिलाने का प्रयास इस अधिवेशन के माध्यम से होने की बात उन्होने कहीं. विजय वडेट्टीवार ने महाज्योती अंतर्गत ओबीसी समाज को युपीएससी-एमपीएससी व अनेक स्पर्धा योजना व प्रत्येक जिले में छात्रों के लिए व छात्राओं के लिए ऐसे विभीन्न छात्रावास जल्द ही शुरू होने की बात कहीं. वहीं राज्य के 8 जिलों में ओबीसी का कम हुआ आरक्षण पूर्ववत करने का आश्वासन दिया. 

2 करोड लोगों ने देखा लाईव्ह प्रसारण
महाअधिवेशन में देश के विभीन्न राज्यों से 2 हजार 500 नेते व कार्यकर्ते सहभागी हुए थे. वहीं युट्युब, फेसबुक व विभीन्न चैनल के माध्यम से 2 करोड लोगों ने लाईव प्रसारण देखा. 

वक्त्याओं ने रखी ओबीसी की समस्याएं 
सभी वक्ताओं ने अपने भाषण में ओबीसी समाज की जाति निहाय जनगणना करे, केंद्र में स्वतंत्र मंत्रालय स्थापन करे, नॉन क्रिमीलेअर के लिए सामाजिक न्याय विभाग द्वारा स्थापन किए गए बी. पी. शर्मा कमिटी का अहवाल रद्द कर ओबीसी कमिटी के चेअरमन सांसद गणेश सिंग द्वारा किए गए सिफारीशे मान्य करे, ऐसी मांग की. 

अधिवेशन की सफलता के लिए पूर्व सांसद डा. खुशालचंद्र बोपचे, महासचिव सचिन राजूरकर, समन्वयक डा. अशोक जीवतोडे, डा. सुधाकर जाधव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रा. शेषराव येलेकर, शरद वानखेडे, गुणेश्वर आरीकर, खेमेंद्र कटरे, रोशन कुंभलकर, शाम लेडे, निलेश कोडे, बबनराव फंड, बबनराव वानखेडे, रुचित वांढरे, शकील पटेल, प्रा. संजय पन्नासे, कल्पना मानकर समेत देश के सभी ओबीसी संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.