गड़चिरोली

Published: Jul 14, 2021 10:03 PM IST

Students trappedऑनलाइन गेम के चंगुल में फंस रहे छात्र, ऑनलाइन शिक्षा शुरू, स्कूलों में केवल शिक्षक ही मौजूद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अहेरी. कोरोना महामारी के इस दौर में स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कोरोना संक्रमण को न्योता दे सकती है. इसलिए सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली शुरू कर दी है. विशेषत: 28 जून को संपूर्ण राज्य में ऑनलाइन नया शिक्षा सत्र शुरू किया गया है. जिससे स्कूलों में केवल शिक्षक ही उपस्थित नजर आ रहे हैं. ऐसे में छात्र शिक्षा से वंचित न रहें, इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा प्रणली शुरू कर ऑनलाइन होमवर्क दिया जा रहा है. लेकिन दूसरी ओर स्कूली छात्र ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर ऑनलाइन गेम के चंगुल में फंसते नजर आ रहे हैं. अहेरी शहर समेत क्षेत्र में गली, नुक्कड़ चौहराए पर छात्र ऑनलाइन गेम खेलते नजर आ रहे हैं. जिससे छात्रों का भविष्य  ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर अंधेरे में दिखाई दे रहा है.

2 वर्षों से स्कूल नहीं जा रहे छात्र

 करीब 7 माह तक कोरोना लॉकडाउन जारी रखा गया. लॉकडाउन के चलते सभी तरह का व्यापार, यातायात सेवाएं समेत स्कूल और महाविद्यालय भी बंद रखे गये थे. जिसके कारण पिछले वर्ष स्कूल, महाविद्यालय बंद होने के कारण छात्रों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ा था. इस वर्ष कोरोना का संक्रमण कम होने के कारण स्कूल, महाविद्यालय शुरू होने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन फरवरी माह से पुन: राज्य में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ गया. जिसके कारण सरकार ने इस वर्ष भी स्कूल शुरू न करने का निर्णय लेते हुए केवल ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली पर ध्यान दिया जा रहा है. जिससे पिछले दो वर्षों से छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.

छात्रों को स्कूलों में शिक्षा देना बेहद जरूरी

कोरोना संक्रमण के मद़्देनजर सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली शुरू कर छात्रों को घर बैठे होमवर्क दिया जा रहा है. लेकिन अनेक जगह पर छात्रों के माता-पिता उनकी ऑनलाइन शिक्षा की ओर ध्यान नहीं देने के कारण छात्र पढ़ाई करने की बजाय ऑनलाइन गेम खेलने लगे हैं. ऐसे में उनकी शिक्षा के प्रति चाह कम होकर गेम खेलने के चक्कर में छात्र घर छोड़ बाहर जाने लगे हैं. ऐसे स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये छात्रों को स्कूल में बिठाकर शिक्षा देना अब बेहद जरूरी हो गया है. वर्तमान स्थिति में कोरोना का संक्रमण काफी हद तक कम हो गया है. ऐसे में कोरोना नियमों का पालन कर छात्रों को स्कूलों ही शिक्षा दे, ऐसी मांग भी अब जोर पकड़ रही है.