गड़चिरोली

Published: Apr 03, 2022 10:36 PM IST

Summer Cropपानी के अभाव में मुरझाने लगे ग्रीष्मकालीन फसल, किसानों में चिंता का वातावरण

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गड़चिरोली. किसान आधुनिक तकनिकों का उपयोग कर खेती से बड़े पैमाने पर उत्पादन ले, ऐसी सरकार और प्रशासन द्वारा की जाती है. लेनिक दुसरी ओर किसानों को अच्छी उत्पादन लेने संदर्भ में सेवा-सुविधाएं उपलब्ध  नहीं कराया जा रहा है. वर्तमान स्थिति में सिंचाई सुविधा के अभाव में ग्रीष्मकालीन धान फसल मुरझाने लगे है.

ऐसे में केवल सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने को 8 घंटों की कालावधि मिलने के कारण फसलों को सिंचाई सुविधा उपल्ब्ध कराना किसानों को मशक्कत भरा कार्य हो गया है. जिसके कारण किसान वर्ग पुरी तरह चिंता में पड़ गये है. वही दुसरी ओर सिंचाई सुविधा के अभाव में ग्रीष्मकालीन धान फसल भी हाथ से निकलने की  बात कही जा रही है. 

खेतों में पडऩे लगी दरारे 

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी डबल फसल उत्पादन लेने के लिये किसानों ने काफी मेहनत ली. लेकिन इन दिनों फसलों को सिंचाई नहीं मिल पा रही है. जिसका नजिता सिंचाई सुविधा के अभाव में खेतों में दरारे पडऩे लगी है. वर्तमान में अनेक नदी-नालों पर जलस्तर कम हो गया है. ऐसे में बिजली विभाग द्वारा कृषिपंपों को केवल 8 घंटे बिजली आपुर्ति किए जाने के कारण फसलों को किसान आवश्यकता नुसार सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. कृषिपंपों को बिजली आपुर्ति करने का समय दिन और रात होने के कारण किसानों को तपती धुप और रात के समय खेतों में जाने की नौबत आन पड़ी है. बावजूद इसके बिजली आपुर्ति अनियमित होने के कारण खेतों में दरारे पड़ रही है. 

आंदोलन व प्रयास हुए विफल

कृषिपंपों को 24 घंटे बिजली आपुर्ति करने की मांग को लेकर विभिन्न राजनितिक दलों ने जनवरी से लेकर मार्च माह तक अनेक बार आंदोलन किया. वहीं स्थानीय विधायकों ने भी मंत्रालय स्तर पर विशेष प्रयास किया. लेकिन आंदोलन व प्रयासों को अब तक सफलता नहीं मिली है. वर्तमान स्थिति में ग्रीष्मकाल के दिन शुरू होने के बाद भी बिजली विभाग कृषिपंपों को केवल 8 घंटे बिजली आपुर्ति कर रहा है. जिसके कारण बिजली विभाग की निति किसान विरोधी होने की बात कही जा रही है. वहीं अनियमित बिजली आपुर्ति के कारण किसान पुरी तरह त्रस्त हो गये है. 

हाथ से फसल जाने की संभावना

वर्तमान स्थिति में जिले की विभिन्न तहसीलों में ग्रीष्मकालीन धान फसल लगाए गए है. लेकिन फसलों को आवश्यकता नुसार सिंचाई सुविधा नहीं मिल पा रहा है. किसान वर्ग द्वारा मेहनत करने के बाद भी फसलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना काफी मुश्किल हो गया है. वहीं इन दिनों फसल मुरझाने के साथ ही खेतों में दरारे पडऩे लगे है. जिससे ग्रीष्मकालीन फसल हाथ से निकल जाने की संभावना जताई जा रही है.