गड़चिरोली

Published: Oct 14, 2021 10:15 PM IST

Dussehra 2021आज गड़चिरोली में नहीं होगा दहन, मगर अनेक गांवों में पुजे जाएंगे दशानंद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
  • रावण दहन न करने का राममंदिर कमिटी का निर्णय

गड़चिरोली. प्रतिवर्ष दशहरे के दिन गांव-गांव में लकांपति रावण की प्रतिमा तैयार कर उसका दहन किया जाता है. विशेषत: गड़चिरोली जिला मुख्यालय में प्रति वर्ष रावण दहन का कार्यक्रम बड़े उत्साह से मनाया जाता है. इस कार्यक्रम में गड़चिरोली शहर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित होते है. और रावन दहन करने के बाद जय श्रीराम के नारे लगाए जाते है.

यहं परंपरा पिछले अनेक वर्षो से चली आ रही है. लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते अनेक जगह पर रावण दहन कार्यक्रम नहीं होने की जानकारी मिली है. विशेषत: गड़चिरोली के राममंदिर कमिटी ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोरोना संक्रमण के चलते रावण दहन कार्यक्रम न करने की बात कही है. लेकिन दुसरी ओर गड़चिरोली जिले में लंकापति रावण का पुजन किया जाएगा. ऐसी जानकारी मिली है.

परसवाड़ी में अनेक वर्षो से शुरू है रावणपुजन की परंपरा

एक तरफ विजयादशमी में चहुओर रावण के पुतले का दहन किया जाता है. मात्र दुसरी ओर जिले की धानोरा तहसील के परसवाड़ी गांव में विजयादशमी पर दशानंद रावण की पुजा की जाती है. स्थानीय नागरिकों का मानना है कि, लंकापति रावण यह एक न्यायप्रिय राजा थे. वह नारी सम्मान करने साथ ही प्रत्येक नागरिकों को उचित न्याय देने का काम करते है.

लकांपति रावण ने आदिवासी समुदाय के अनेक कार्य करने की बात कही जाती है. जिससे पिछले अनेक वर्षो से परसवाड़ी गांव में रावण की पुजा-अर्चना की जाती है. विजयादशमी के दिन रावणपुजा करने के साथ ही यहां पर विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है.

कोडसेलगुड़म में 144 गांवों के लोग करेंगे रावण की पुजा

जिले की अहेरी तहसील के कमलापुर समीपस्थ कोडसेलगुड्डम में पिछले 6 वर्षो से लंकापति रावण की पुजा करने की परंपरा शुरू हो गयी है. वर्ष 2015 में केवल 3 गांवों के लोगों ने रावण की पुजा-अर्चना कार्यक्रम करना शुरू कर दिया था. लेकिन अब 6 वर्षो की कालावधि में 144 गांवों के आदिवासी बांधव रावन की पुजा करने एकजुट होनेवाले शुक्रवार को आदिवासी समुदाय द्वारा कोडसेलगुड़म गांव में रावण पुजा आयोजित की गई है.

बताया जा रहा है कि, यहां पर तीन दिन तक रावण की पुजा की जाती है. लेकिन पिछले दो वर्षो से कोरोना संक्रमण के चलते केवल एक ही दिन रावणपुजा होती है. इस वर्ष भी एक ही दिन रावणपुजा की जाएगी. विशेषत: पहली बार इस पुजा में क्षेत्र के 144 गांवों के नागरिक हिस्सा लेगे, ऐसी जानकारी कोडसेलगुडम के नियोजन समिति के सदस्य समया करपेत ने दी है.