गड़चिरोली

Published: Jul 16, 2020 10:45 PM IST

मजदूरी तेंदूपत्ता संकलन की मजदूरी दें, आदिवासी मजदूरों ने पत्रपरिषद में की मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

भामरागड. तहसील के मन्नेराजाराम, ईरकडुम्मे, पल्ली, येचली व मडवेली ग्रामपंचायत के अंतर्गत आनेवाले 28 गांवों के तेंदूपत्ता तुड़ाई व संकलन की मजदूरी बारिश का मौसम आरंभ होने के बावजूद अब तक नहीं मिली है, जिससे तेंदूपत्ता मजदूरों पर संकटों के पहाड़ टूट पड़े हैं. तेंदूपत्ता तुड़ाई व संकलन का मजदूरी दें, ऐसी मांग आदिवासी बांधवों ने पत्रपरिषद में की है. 

ठेकेदार से 400 रुपये प्रति सैकड़ा करारनामा
तेंदूपत्ता तुड़ाई व संकलन की राशि नहीं मिलने से निराश हुए आदिवासी बांधवों ने 15 जुलाई को आयोजित पत्रपरिषद में अपनी व्यथा रखी. जानकारी देते हुए आदिवासी बांधवों ने कहां कि, तेंदूपत्ता का सीजन मई 2020 में ग्रामसभा ग्रापं मन्नेराजाराम, ईरकडुम्मे, पल्ली व मडवेली इन ग्रापं के अंतर्गत आनेवाले 28 गांवों ने तेंदूपत्ता ठेकेदार से 400 रुपये प्रति सैकड़ा व रायल्टी के तहत दर निश्चित कर करारनामा किया था. 

ठेकेदार ने बोदभराई कर ले गया
इस वर्ष कोविड -19 महामारी के चलते सर्वत्र लॉकडाउन लागू किया गया, जिससे तेंदूपत्ता निलामी प्रक्रिया संपन्न करना संभव नहीं हो पाया. ग्रामसभांनी सीधे स्वयं निश्चित कर ठेकेदार से करारनामा किया, जिसके अनुसार 5 ग्राम पंचायत के अंतर्गत 28 गांवों ने तेंदूपत्ता तुड़ाई कर संकलन किया. इसमे ग्रापं मन्नेराजाराम के अंतर्गत 12 लाख 32 हजार पुडा, ग्रापं ईरकडुम्मे के अंतर्गत 18 लाख 57 हजार 840 पुडा, ग्रापं पल्ली 12 लाख 92 हजार 620 पुडा, ग्रापं येचली -7 लाख 6 हजार पुडा व ग्रापं माडवेली अंतर्गत 10 लाख 80 हजार 810 पुडा ऐसा कुल 61 लाख 72 हजार 270 पुडा तेंदुपत्ता तुड़ाई व संकलन किया गया. ठेकेदार ने बोदभराई कर सभी तेंदूपत्ता ले गया. 28 गांवों के तेंदूपत्ता तुड़ाई कर संकलन करनेवालों की राशि अब तक नहीं दी. इतना ही नहीं तो फडीमुन्शी, मदतनिस, बोदभराई, पाणी मारना, पलटाई आदि कार्यो की मजदूरी भी नहीं मिली. 

आजीविका का साधन तेंदूपत्ता
तेंदूपत्ता सीजन आदिवासी व अन्य नागरिकों के लिए रोजगार का बड़ा जरीया होता है. संपूर्ण वर्ष का वित्तीय बजट तेंदूपत्ता सीजन पर ही निर्भर होता है. यहां के प्रमुख आजीविका का साधन तेंदूपत्ता को ही माना जाता है. पैसे के अभाव में खेती कैसे करें, इस चिंता में है. कोरोना महामारी के चलते रोजगार भी उपलब्घ नहीं होने से जीवनयापन कैसे करें, ऐसा प्रश्न भी समक्ष निर्माण हुआ है.

तेंदू संकलन के पैसों के संदर्भ में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा हुए प्रशासन को तत्काल तेंदूपत्ता संकलन की राशि दिलाने हेतु आगे आए, ऐसी मांग आदिवासियों ने की है. पत्रपरिषद में पुरस्कार प्राप्त किसान सिताराम मडावी, पूर्व जिप समाजकल्याण सभापती इंदरशाह मडावी, मदन वेलादी, लक्ष्मण मडावी, बापू नागपूरकर, संजू येजूलवार आदि समेत 5 ग्रापं अंतर्गत आनेवाले गांव के नागरिक उपस्थित थे.