गड़चिरोली

Published: Oct 22, 2022 11:34 PM IST

Network Problemकहां सुधरे हालात, कवरेज पाने लोग चढ़ते है पेड़ों पर, सात दशक बाद भी सुविधा से वंचित दुर्गम क्षेत्र

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अहेरी. अहेरी तहसील मुख्यालय से 60 किमी दुरी पर बसे मरपल्ली समेत परिसर के गांवों मेंं आजादी के सात  दशक बाद भी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंची. वर्तमान स्थिति में यह आलम है कि, एक-दुसरे से संपर्क करने के लिये लोगों को मोबाईल पकड़कर पेड़ों पर चढऩा पड़ रहा है. अनेक बार कवरेज नहीं मिल पाने के लिये घंटों तक  पेड़ों पर बैठकर कवजेर आने की राह देखनी पड़ती है.

वहीं स्वास्थ्य सुविधा भी काफी दुर होने के कारण इस क्षेत्र के लोगों को उपचार के लिये लंबी दूरी तक पैदल ही जाने पड़ता है. किंतु इस मामले की ओर जनप्रतिनिधि और प्रशासन की निरंतर बेध्यानी हो रही है. मरपल्ली, करांचा, बसवापुर, येणकाबंडा, लंकाचेन, करनेली, मुडेवाही, रेगुलवाही, चिमलपल्ली, दुब्बागुडम, तिम्मीर आदि गांव आदि भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. 

थ्रीजी, फोर जी नेटवर्क का अभाव 

गड़चिरोली जिले के अधिकत्तर तहसीलों में बीएसनएनएल के मोबाईल टॉवर निर्माण किए गए है. वहीं कुछ तहसीलों में निजि मोबाईल टॉवर का निर्माण किया जा रहा है. जिससे अनेक जगह पर थ्रीजी और फोरजी नेटवर्क   की सेवा मिल रही है. लेकिन अहेरी तहसील के दुर्गम क्षेत्र में बसे मरपल्ली समेत अन्य गांवों में आज भी 2 जी नेटवर्क होने के कारण इस क्षेत्र के नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अनेक बार नेटवर्क के अभाव में नागरिक एक-दुसरे से सपंर्क नहीं कर पाते. जिसके कारण इस परिसर में थ्री-जी व फोर-जी की सेवा शुरू करने की मांग क्षेत्र के नागरिकोंं ने की है. 

पक्की सड़कों के अभाव में लोक त्रस्त 

एक तरफ सरकार प्रधानमंत्री सड़क योजना व मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत गांवों तक पक्की सड़के पहुंचाने की बात कह रही है. लेकिन दुसरी ओर मरपल्ली परिसर के गांवों में आजादी के सात दशक बाद भी पक्की सड़के नहीं पहुंच पायी है. जिसका खामियाजा इस क्षेत्र के नागरिकों को जंगल के रास्ते ही आवागमन करना पड़ता है. जीन गांवों तक सड़क पहुंच पायी है, उन गांवों की सड़के पुरी तरह खस्ता हो गयी है. जिससे क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत करने की मांग जोर पड़क रही है.