गोंदिया

Published: Mar 03, 2024 12:28 AM IST

Rice Mills ClossedGondia News: 4 महीने से बंद हैं 600 राइस मिलें, मिलिंग को लेकर सरकार की उदासीनता

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

गोंदिया. अक्टूबर माह से गोंदिया, गड़चिरोली व चंद्रपुर जिले की लगभग 600 राइस मिलें बंद है. राइस मिलों का पिछले 3 साल का बकाया ट्रांसपोर्टिंग का बिल व मिलर्स का बिल शासन दे रही रहा है. जिससे राइस मिल मालिकों को बैंक वाले परेशान कर रहे हैं. जिसकी वजह से राइस मिल मालिक आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं. एमएसपी की वजह से संपूर्ण धान सरकार ले लेती है. वहीं धान मिलर्स को मिलिंग करके सरकार को चावल देना पड़ता है.

मिलर्स द्वारा दिया गया चावल ही राशन दूकानों के माध्यम से गरीब जनता को वितरित होता है. पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में मिलर्स को 200 रुपए व 120 रुपए प्रति क्विंटल मिलिंग दी जाती है, किंतु महाराष्ट्र में इसका रेट सिर्फ 10 रुपए प्रति क्विंटल है. इससे मिलर्स को हमाली, इलेक्ट्रिक बिल व शासन के नियमानुसार 1 क्विंटल धान में 67 प्रश चावल देना होता है. मिलर्स बार-बार मांग कर रहा है कि हमें भी पड़ोसी राज्य में जो मिलिंग मिल रही है वह मिलिंग रेट महाराष्ट्र में भी दिया जाए, लेकिन शासन गहरी निंद में सोया है.

खुले में पड़ा है करोड़ों का धान

इस वर्ष शासन ने करोड़ों क्विंटल धान किसानों से खरीदा है लेकिन वह धान खुले आसमान में पड़ा है. मिलर्स उसकी मिलिंग करने तैयार नहीं है. धान खराब हो रहा है. उसकी भी परवाह शासन को नहीं है. मिले बंद होने से मजदूर, ट्रांसपोर्टर व मिलर्स से संबंधित व्यक्ति बेरोजगारी के कारण खाली बैठे है. गोंदिया, गड़चिरोली व चंद्रपुर जिले में मात्र राइस उद्योग ही है उद्योग चलता है, तो बाजार में रौनक रहती हैं. ऐसी मांग सभी जिले के मिलर्स द्वारा की जा रही है.