गोंदिया

Published: Jul 26, 2022 01:37 AM IST

Smugglers of wildlifeवन्यप्राणी अवयव के 7 तस्कर गिरफ्तार, तेंदुए की खाल, पेंगोलिन की शल्क बेचने से पहले दाबोचे गए

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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सड़क अर्जुनी (सं). तेंदुए की खाल व पैंगोलिन प्राणी के अवशेषों की तस्करी करने के मामले में नागपुर विभागीय वन अधिकारी की सतर्कता टीम व गोंदिया वन विभाग की टीम को मिली गुप्त जानकारी के आधार पर सड़क अर्जुनी वन परिक्षेत्र में आनेवाले ग्राम खजरी में अवशेषों की बिक्री करने के पूर्व ही 7 लोगों  को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया. उनके पास से एक तेंदुए की खाल, पैंगोलिन के साढ़े तीन किलो शल्क व तीन दोपहिया वाहन जब्त किए गए हैं.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम गोरेगांव निवासी निखिल नीलकंठ अगडे (31), गोरेगांव तहसील के मोहाड़ी निवासी हेमराज ओमकार उके (32), सड़क अर्जुनी निवासी मनोज नारद मानकर (22), थाटेझरी निवासी नरेश दामा ठाकरे (39), मनोज दामा ठाकरे (35) व कैलाश काशीराम घुमके (24), मिथुन छबीलाल घुमके (28), दोनों सड़क अर्जुनी के खजरी गांव के हैं. इन सभी के  खिलाफ सड़क अर्जुनी वन परिक्षेत्र कार्यालय में  मामला दर्ज किया गया है.

उल्लेखनीय है कि जिले में वन संपदा के साथ-साथ बाघ, तेंदुए, पैंगोलिन सहित विभिन्न दुर्लभ वन्यप्राणी विचरण करते हैं. शिकारी अंधविश्वास के चलते दुर्लभ वन्यजीवों की शिकार कर उनके अवशेषों की ऊंचे दाम में बिक्री करते हैं. इसी तरह नागपुर के विभागीय वन अधिकारी की सतर्कता टीम व गोंदिया वन विभाग की टीम को गुप्त जानकारी मिली थी कि ग्राम खजरी में तेंदुए की खाल व पैंगोलिन के शल्क तस्करों द्वारा बेची जाने वाली है. उस आधार पर वहां जाल बिछाया तथा अवशेषों को बेचने के पूर्व ही सातों को  दबोच लिया गया. 

कल तक के लिए मिला FCR

सड़क अर्जुनी वन विभाग के आरएफओ सुरेश जाधव ने बताया कि फिल्मी स्टाइल से इन सभी आरोपियों को अपने जाल में फांस लेने में वन विभाग की टीम को सफलता मिली है. सभी आरोपियों को जिला सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. जहां उन्हें 27 जुलाई तक एफसीआर में रखने का आदेश दिया गया है.

उपरोक्त कार्रवाई नागपुर विभागीय वन अधिकारी प्रीतमसिंह कोडापे, सहायक वन संरक्षक एन.जी. चांदेवार, प्रदीप पाटील, वन परिक्षेत्र अधिकारी पवनी के वन्यजीव लहु ठोकड, सड़क अर्जुनी वन परिक्षेत्र अधिकारी सुरेश जाधव तथा उनकी टीम ने की है.  जांच उपवन संरक्षक कुलराजसिंह, सहायक वन संरक्षक प्रदीप पाटील के मार्गदर्शन में की जा रही हैं.