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Published: May 13, 2022 11:00 PM IST

ZP Gondiaनई युति के बाद सभापति पद की उम्मीद धूमिल, सत्ता दल के भाजपा सदस्यों का मोहभंग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गोंदिया. राज्य की राजनीति में भाजपा व राष्ट्रवादी कांग्रेस यह दोनों पार्टियां  परस्पर घोर विरोधी मानी जाती है लेकिन इन दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं ने हाथ मिलाकर अपेक्षा के विपरित युति के माध्यम से गोंदिया जिप की सत्ता पर कब्जा कर लिया. जिप में सत्ता के लिए एक दो ही नहीं तो 4 दल एक साथ हो गए है.

अब आगामी 23 मई को होने वाले सभापति पद को लेकर भाजपा सदस्यों में मायुसी दिखाई दे रही है. उन्हें लग रहा है कि इस बार भी  वरिष्ठ नेताओं के फरमान के बाद ही सभापति पद का फैसला होगा और उसमें निष्ठावान व समर्पित सदस्यों का नंबर लगता है या जी हूजूरी करने वाले लाभान्वित होते है.  जिप में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. जिससे किसकी सत्ता स्थापित होगी इस विषय को लेकर तर्क वितर्क लग  रहे हैं.

इसी में एक कदम पीछे रहने  वाली भाजपा ने दोनों निर्दलीय सदस्यों का साथ लेकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया था लेकिन राजनीति के वरिष्ठ स्तर पर खेल से ऐन अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव की पूर्व संध्या नए समीकरण बन गए. राकांपा सहित अन्य दो गटों को साथ लेकर  असंगत युति के माध्यम से जिप की सत्ता पर काबिज हो गए. जिससे सबसे बड़ा झटका भाजपा सदस्यों सहित जिले के नेताओं को लगा है. जहां एक हाथ में सत्ता का अवसर था उसमें भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 4 सभापति इस तरह कुल 6 पद पर भाजपा सदस्यों को अवसर प्राप्त हो रहा था. वहीं वरिष्ठों ने हिस्सा बटवारा कर लिया है.

इसी में अब 23 मई को जिप के दो विभागों के सभापति व विषय समिति के 2 इस तरह 4 सभापति पद के लिए चुनाव होंगे  लेकिन इस  युति धर्म में किसे कितने सभापति पद मिलेंगे ? इसे लेकर स्वयं भाजपा के पदाधिकारी व सदस्य अनभिज्ञ हैं. वहीं दुसरी ओर अध्यक्ष-उपाध्यक्ष नहीं तो सभापति पद पर हमारा नंबर लगेगा ? ऐसा सपना देखने वाले भाजपा के सदस्यों की उम्मीदों  पर पानी फिर गया है. इस सब प्रक्रिया के बावजुद सभापति पद के चुनाव को लेकर भाजपा के जिप सदस्य स्वयं जैसा फरमान आएगा, वैसे हमारे मत रहेंगे ? ऐसा कहने लगे है. इसी में सभापति पद पर नजर गड़ाकर बैठे कुछ जिप सदस्यों का मोहभंग होते दिखाई दे रहा है.