गोंदिया

Published: Oct 28, 2021 11:35 PM IST

Hospitalशासकीय महिला अस्पताल में सतत बढ रही लापरवाही

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गोंदिया. सीजर के दौरान डाक्टर की लापरवाही से नवजात शिशु के मृत्यु की घटना 24 अक्टुबर को शासकीय बीजीडब्ल्यु महिला अस्पताल में हुई थी. इसके बाद  परिजनों ने डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. उसे लेकर  मेडिकल कालेज के डीन डा. अपूर्व पावड़े ने जांच समिति गठित की है और जांच शुरू हो गई है.

उल्लेखनीय है कि गोंदिया तहसील की दासगांव निवासी प्रियमाला नंदेश्वर को 23 अक्टूबर को बीजीडब्ल्यु अस्पताल में प्रसूति के लिए भर्ती किया गया था. 24 अक्टूबर को प्रियमाला पर सीजर किया गया. लेकिन सीजर करने में डाक्टरों ने विलंब किया.

वहीं समय पर उपचार भी नहीं किया गया. जिससे सीजर के बाद नवजात शिशु की मृत्यु हो गई. इसी तरह सीजर करने के लिए प्रियमाला के पति से कार्यरत डाक्टर ने 1 हजार रु.की मांग की थी  और  नवजात शिशु की मृत्यु हो जाने पर उसने पैसे लौटा दिए. डाक्टरों ने समय पर सीजर किया होता तो  शिशु की मृत्यु नहीं  होती ऐसा आरोप नंदेश्वर परिवार ने लगाया व दोषी डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई.

इस घटना की शहर पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज की गई है. इस घटना को लेकर बीजीडब्ल्यु अस्पताल में तनावपूर्ण वातावरण निर्माण हो गया था. इस गंभीर मसले पर डीन डा.पावडे ने हस्तक्षेप कर  जांच समिति का गठन कर दिया.  समिति ने जांच की शुरूआत की है और तत्काल ही अहवाल  डा. पावडे को सौंपेगी. इसमें दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ निश्चित कार्रवाई होगी. ऐसा  डा. पावडे ने कहा है. 

दलालों पर कार्रवाई कब ?

जिले के सबसे बड़े और महत्वपुर्ण एकमात्र शासकीय बीजीडब्ल्यु अस्पताल में दलाल सक्रिय है. इसमें कुछ एंबुलेंस चालक, आटो चालक तथा निजी हॉस्पिटल के दलाल इस परिसर में 24 घंटे सक्रिय  रहते हैं और  मरीजों को   निजी अस्पताल में दाखिल करने के लिए प्रयास  करते हैं और  इसके बदले राशि वसूल करते हैं. इस संदर्भ में अनेक शिकायतें की गई. इसके बावजूद दलालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से उनके हौसले बुलंद है.

नवजात की मृत्यु का मामला अधिवेशन में उठेगा

बीजीडब्ल्यु अस्पताल में लापरवाही की घटनाएं निरंतर बढती ही जा  रही हैं.   शिकायतों के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है. इन्हीं हालातों के चलते डाक्टर की लापरवाही से शिशु की मृत्यु हो गई.  अब इस घटना का मुद्दा विधानसभा में उठाए जाने के प्रयास हो रहे हैं.