गोंदिया

Published: Dec 12, 2020 12:26 AM IST

गोंदियाआईएमए की हड़ताल: बीएएमएस डाक्टरों ने संभाला मोर्चा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गोंदिया. आयुर्वेद को अष्टांग कहा जाता है. उनके शिक्षण व प्रशिक्षण में काय (औषध), शल्य (सर्जरी), शालाक्य (ईएनटी), कौमार्यभृत्य (पेड़), स्त्री (गायनोक्लोग) प्रसूति (ओब्सटेट्रीक) इन 6 विषयों सहित अन्य प्रमुख विभागों का उल्लेख है. जिससे नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसो. निमा संगठन के माध्यम से सन 1948 से शल्य व शालाक्य के लिए स्पष्ट कानून बनाने की मांग की जा रही है. वहीं अब शासन ने बीएएमएस डाक्टर्स को सर्जरी के अधिकार दिए है. इसे लेकर भारतीय चिकित्सा पध्दति का एक षडयंत्र के तहत गलत प्रचार किया जा रहा है.

यह कृत्य चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत दूसरे लोगों को नीचा दिखाने के साथ ही निंदनीय  है. यह जानकारी एक चर्चा में निमा संगठन के डाक्टरों ने दी है. जिले में आईएमए डाक्टरों ने दो दिन निजी अस्पताल बंद रखकर अपना विरोध दर्शाया है. इसके जवाब में बीएएमएस डाक्टरों ने मोर्चा संभाल लिया है. सीसीएमआई ने बीएसएनएल डाक्टरों को सर्जरी के अधिकार देने का अध्यादेश जारी किया है. इसका आईएमए ने विरोध किया है.

शासन के इस आदेश का स्वागत कर आईएमए की भूमिका पर निमा के डाक्टरों ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि आयुर्वेद के प्राचीन वाड़मय में शल्य (सर्जरी) का उल्लेख है, आधुनिक चिकित्सा संपूर्ण विश्व में आयुर्वेद महर्षी सुश्रृत सर्जरी के जनक लिखित सुश्रृत संहिता लगभग 5 हजार वर्ष पुरानी है. जिसमें 120 उपकरण व 300 से अधिक प्रकार की सर्जरी का वर्णन है. आयुर्वेद पोस्ट ग्रेज्युएट दशकों से शल्यक्रिया कर रहे है. लेकिन आईएमए चिकित्सक षडयंत्र पूर्ण राजनीति कर शासन के अध्यादेश का विरोध कर रहे हंै. इसे दुर्भाग्यपूर्ण होने का आरोप भी निमा के पदाधिकारियों ने लगाते हुए  बताया कि आईएमए की हडताल पर बीएएमएस डाक्टर्स गुलाबी फीता 

लगाकर स्वास्थ्य विभाग की सेवा में कार्यरत रहेंगे. इस संबंध में डा.महेंद्र संग्रामे ने बताया कि कोरोना काल में अधिकतर एमबीबीएस डाक्टरों ने अपने हाथ खडे कर दिए थे. जिससे कोरोना मरीजों का ईलाज बीएमएस डाक्टरों ने किया. वहीं डा.संदीप मेश्राम का कहना है कि आमगांव, सालेकसा व देवरी में डाक्टर्स नहीं हैं. जिससे हम ग्रामीण क्षेत्र में जाकर सेवा दे रहे हंै और उससे मरीजों अच्छी सेवा मिल रही है. इसी तरह डा.हरीश बजाज ने बताया कि मरीजों को सेवा देने के लिए सालेकसा, कवलेवाड़ा, तिरोड़ा में स्वास्थ्य शिविर लगा रहे हैं. जिससे पेशंट को तकलीफ नहीं होगी. 

 डा.हेमंत गौतम, डा.हरीश बजाज, डा.संदीप मेश्राम, डा.जनुेद सैय्यद, डा.शशिकांत भादुपोते, डा.हेमंत संग्रामे, डा.कमलापति खोब्रागडे, डा.हितेश पारधी (गोरेगांव), डा.रोशन देशमुख (सड़क अर्जुनी), डा.विजय पालेवार (गोरेगांव), डा.राहुल बिसेन, डा.विवेक पराते आदि उपस्थित थे.