गोंदिया

Published: Jun 20, 2022 10:36 PM IST

Navegaon-Nagjira Tiger Project2 वर्ष में एक ही विदेशी पर्यटक, व्याघ्र प्रकल्प से विदेशी पर्यटकों ने मुंह फेरा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गोंदिया. विदर्भ के चंद्रपुर जिले में स्थित ताडोबा व मध्य प्रदेश राज्य के कान्हा किसली व्याघ्र प्रकल्प में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है  लेकिन जिले के नवेगांव नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प में 2 वर्ष में केवल एक विदेशी पर्यटक ने हाजरी लगाने की जानकारी है. इससे यह प्रकल्प प्रचार प्रसार में कहीं कम पड़ रहा है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा.  भागदौड़ भरे जीवन में कुछ समय निसर्ग के सानिध्य में गुजारने के लिए निसर्ग की जरूरत महसूस होती है.

इसके लिए वन विभाग ने आरक्षित कर रखे जंगलों की ओर उनके कदम अपने आप बढ़ रहे है. यही वजह है कि नागरिकों का रूख अब वन पर्यटन की ओर अधिक दिखाई दे रहा है. जिलावासियों के लिए यह प्रकल्प वरदान साबित हो रहा है. इस क्षेत्र में हमेशा पर्यटको की भीड़ होती है.   राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाला नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार में कम पड़ता दिखाई दे रहा है. क्योंकि इस प्रकल्प में विदेशी पर्यटकों की हाजरी केवल नाम के लिए है.

सन 2020-21 व 2021-22 इस अवधि में प्रकल्प में एक भी विदेशी पर्यटक ने उपस्थिति दर्ज नहीं की है. जबकि सन 2022-23 में मई महीने में जर्मन देश से केवल एक ही विदेशी पर्यटक ने हाजरी लगाई है. विशेष बात यह है कि चंद्रपुर जिले के ताड़ोबा प्रकल्प को देश के प्रसिद्ध व्यक्ति भेंट देते है. इसके अलावा बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों का भी समावेश है.

निकटवर्ती मध्य प्रदेश राज्य के कान्हा किसली प्रकल्प में भी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते है. नागपुर स्थित डा. बाबासाहब आंबेडकर अंतराष्ट्रीय विमानतल पर विदेशी पर्यटकों के आगमन होने के बाद उन्हें गोंदिया वाया कान्हा किसली यह मार्ग सुविधाजनक होता है. इसी तरह नागपुर से गोंदिया समीप होने के बावजुद वे नवेगांव नागझिरा प्रकल्प में न जाकर  अन्यत्र जा रहे हैं.

3 महीने में 12556 पर्यटकों की भेंट

कोरोना काल में सन 2020-21 व 2021-22 में व्याघ्र प्रकल्प ऐन मौसम के समय बंद रखना पड़ा था. इसके बाद अब सन 2022-23 में व्याघ्र प्रकल्प शुरू है. जिससे मार्च, अप्रैल व मई इन 3 महीनों में व्याघ्र प्रकल्प में 12 हजार 556 पर्यटकों ने जंगल सफारी की है. इसके लिए 2343 वाहनों को प्रवेश दिया गया है. इतना ही नहीं इस जंगल सफारी से वन्यजीव विभाग को 26 लाख 92 हजार 500 रु. की आय प्राप्त हुई है.