गोंदिया

Published: Feb 08, 2023 10:57 PM IST

Tiger Panicबाघ दिखाई देने से नागरिकों में दहशत, बंदोबस्त करने की मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अर्जुनी मोरगांव. तहसील के धाबेटेकडी/आदर्श, बोडदे, तिड़का परिसरों में बाघ देखे जाने से नागरिकों में दहशत का माहौल है. इसके अलावा तेंदुए और भालू जैसे खूंखार जानवर गांवों और खेतों में दिखाई देते हैं. इससे किसानों व मजदूरों में भय का माहौल है. ऐसे में अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन है ? यह सवाल नागरिक उठा रहे हैं. मांग की जा रही है कि वन विभाग इस ओर ध्यान दे और खूंखार जानवरों का बंदोबस्त करें. अर्जुनी मोरगांव तहसील जंगल से आच्छादित है.

नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व और राष्ट्रीय उद्यान इस तहसील में स्थित हैं. इस वजह से इस जगह पर जानवरों और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं. हालांकि पिछले कुछ दिनों से तहसील के जंगल के पास के गांवों में जंगली जानवरों की संख्या बढ़ने से हिंसक घटनाएं हो रही हैं. गांव में बाघ और तेंदुआ जैसे जानवर आ रहे हैं और दर्शन दे रहे हैं. इससे ग्रामीणों को दहशत में रहना पड़ रहा है. धोबेटेकड़ी-आदर्श, बोडदे /करड़ और तिड़का में पिछले कुछ दिनों से बाघों और तेंदुओं की आवाजाही बढ़ी हुई है.

इसमें 4 फरवरी को ऋषि शहारे की बकरी को तेंदुए द्वारा नोचने की घटना हुई है. इससे इलाके में डर का माहौल है. क्षेत्र के कई किसानों ने धान और अन्य फसलें उगाई हैं. इस बीच फसल निरीक्षण और काम के लिए खेत में जाना पड़ता है. साथ ही खेतों में बाघ, तेंदुआ और भालुओं की बढ़ती उपस्थिति से भी भय व्यक्त किया जा रहा है. क्षेत्र के नागरिकों की मांग है कि वन विभाग इस ओर ध्यान दे और खूंखार जानवरों का बंदोबस्त करें. 

फसलों की निगरानी में डरे किसान

क्षेत्र के किसानों ने बड़ी मात्रा में धान और सब्जी की फसल की खेती की है. इसके लिए किसानों को फसल निरीक्षण के लिए खेत में जाना पड़ता है. हालांकि जंगली जानवरों का खौफ बढ़ने से किसान खेत पर जाने से कतरा रहे हैं, वहीं फसलों का क्या होगा? ऐसी चिंता किसानों को सता रही है.

लोडशेडिंग भी कर दी शुरू

खेतों में जंगली जानवर दिखाई देने के कारण किसान दिन में खुले मैदान में जाने से कतराते हैं. इसी तरह महावितरण ने कृषि को बिजली की आपूर्ति करते हुए फिर से लोडशेडिंग शुरू कर दिया है. इसलिए रात में 8 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है. ऐसे में किसानों को रात में फसलों को पानी देने के लिए खेतों में जाना पड़ रहा है.