गोंदिया

Published: Jul 03, 2022 11:17 PM IST

Leopard Terrorसिलेझरी ग्राम में तेंदुए की दहशत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अर्जुनी मोरगांव. सिलेझरी ग्राम में गत 3-4 दिनों से तेंदुए की दहशत देखी जा रही है. इस दौरान कई लोगों ने तेंदुए का दर्शन भी किया है. जिसके कारण ग्रामीणों के मन में और भी डर समा गया है. क्षेत्र में तेंदुए के घूमने के कारण लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है. इस प्रकरण में वन विभाग भी चुप्पी साधे बैठा है. तेंदुए को पकड़ने की मांग ग्रामीणों ने वन विभाग से की है.

वन परिक्षेत्राधिकारी कार्यालय नवेगांवबांध कार्यक्षेत्र में सिलेझरी गांव का समावेश है.ग्रामीणों का कहना है कि वे तेंदुए के कारण वह डर के साये में जी रहे हैं. आए दिन तेंदूआ पालतू पशुओं को निशाना बना रहा है. गांवों में तेंदुए का आतंक है.  ग्राम से सटकर पहाड़ी क्षेत्र व जंगल है. विहिरगांव, सिलेझरी, घुसोबाटोला गांव के पास बड़े पैमाने पर जंगल है. जहां पर कई जंगली जानवर देखने मिलते है. ग्राम में भी जंगली जानवर दिखाई देते है.

इसी जंगल से साकोली-अर्जुनी मोरगांव राज्य मार्ग जाता है. तीन दिन पूर्व एक हिरण मार्ग से जाते समय वाहन की चपेट में आ गया जिससे उसकी मृत्यु हो गई. उसी प्रकार कुछ दिन पूर्व ग्राम घुसोबाटोला में तेंदुए ने एक बकरे पर हमला कर दिया था. दो दिन पूर्व सिलेझरी के ग्रामीणो ने तेंदुए के दर्शन किए. ग्राम में तेंदुआं दिखने से लोगो में दहशत फैल गई है. तेंदुए को पकड़ने की मांग सरपंच सुनीता ब्राम्हणकर, उपसरपंच सुखदेव मेंढे ने की है.

अन्नदाता जान हथेली पर रख करते है खेती के कार्य 

जिले में टाइगर रिजर्व बनने के बाद से जंगल में वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है वहीं मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ीं हैं. आएदिन वन्यजीव जंगल से बाहर विचरण करते नजर आ रहे. बाघ व तेंदुए की चहल कदमी से  गांवों के लोगों में दहशत है.  अन्नदाता जान हथेली पर रख खेती के कार्य कर रहे हैं. इन तमाम हालातों की बखूबी जानकारी के बावजूद वन विभाग के जिम्मेदार बेबस नजर आ रहे हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत देने के अलावा कोई उपया योजना नहीं की जा रही है. वन विभाग की ओर से जल्द कोई ठोस कदम  उठाने की मांग की जा रही है.