गोंदिया

Published: Jun 11, 2022 10:59 PM IST

Electricity Billविद्युत बिल भरने में विलंब होने पर जुर्माना, फिर ग्राहकों की अमानत पर ब्याज कितना

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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गोंदिया. ग्राहकों पर करोड़ों के बिल बकाया होने से महावितरण को काम करने में कठिनाई हो रही है. जिससे सतत बकाया बिलों की वसूली करने अभियान संचालित किया जा रहा है. लेकिन सख्ती के साथ हो रहे वसूली अभियान से ग्राहक नाराज है. इसी में अब महावितरण ने ग्राहकों से अमानत रकम मांगी है. जिससे एक ओर जुर्माना व उसमें अब अमानत रकम की मांग की जा रही है.

जिससे ग्राहकों में भारी असंतोष है. ऐसे में हमारी अमानत रकम पर ब्याज कितना देते हो ऐसा सवाल ग्राहक कर रहे है. महावितरण कंपनी द्वारा विलंब से बिल का भुगतान करने वाले ग्राहकों पर दंड निर्धारित किया जाता है. वहीं दुसरी ओर अमानत पर ब्याज भी दिया जाता है. इसके लिए महावितरण ग्राहकों का संपूर्ण लेखाजोखा रखता है. इस सब के लिए शासन के नियमों का पालन किया जाता है.

किससे कितनी सुरक्षा रकम

महावितरण ग्राहकों से अमानत मांग रही है. जिससे घरेलू ग्राहकों द्वारा 500 रु. प्रति किलो वॅट अनुसार अमानत ली जा रही है. वहीं व्यवसायी से 1000 रु. प्रति किलो वॅट अनुसार व औद्योगिक ग्राहक से 500 रु. हार्स पावर अनुसार रकम ली जा रही है.

सुरक्षा रकम पर कितना ब्याज

जिस प्रकार महावितरण कंपनी विलंब से बिल भुगतान करने वाले ग्राहकों से जुर्माना वसूल करती है उसी तरह ग्राहकों की अमानत पर ब्याज भी देती है. रिजर्व बैंक के दर अनुसार महावितरण ग्राहकों को ब्याज देती है. यह हर वर्ष बदलते रहता है. इसमें लगभग 5-6 प्रश. ब्याज दिया जाता है. वर्ष में एक बार ब्याज की रकम बिल में दी जाती है.

जुर्माने की राशि कितनी

निर्धारित अवधि में बिल का भुगतान नहीं करने पर ग्राहक को जुर्माना भरना पड़ता है. विशेषकर ग्राहकों की सुविधा हो इसके लिए महावितरण द्वारा अब ग्राहकों को बिल का भुगतान करने के लिए विभिन्न सुविधा उपलब्ध करा दी है. इसके बावजुद अनेक लोग निर्धारित अवधि में बिल व जुर्माना नहीं भरते है. जिससे महावितरण निर्धारित समय के बाद बिलों का भुगतान करने वाले ग्राहकों से 1.25 रु. नुसार जुर्माना वसूलता है. 

इस संबंध में महावितरण कंपनी के मुख्य अभियंता बी.ए.वासनिक ने बताया कि महावितरण ग्राहकों से दंड वसूल करते समय उन्हें उनकी अमानत पर ब्याज भी देता है. ब्याज की रकम नियमानुसार निर्धारित की जाती है. इसका महावितरण के पास संपूर्ण लेखाजोखा होता है.