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Published: Mar 17, 2023 11:17 PM IST

H3N2 Virusनागरिकों को इन्फ्लूएंजा H3N2 वायरस के लक्षणों का अनुभव होने पर चिकित्सकीय मदद ले: जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नितीन वानखेडे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

गोंदिया.  देश के कई राज्यों के साथ-साथ हमारे राज्य के कुछ जिलों में भी फ्लू जैसे लक्षणों वाले इन्फ्लूएंजा के मरीज बढ़ रहे हैं. वर्तमान में जिले में सर्दी, बुखार, खांसी का संक्रमण बड़ी संख्या में देखा जा रहा है. इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा.नितीन वानखेडे ने भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचने और मास्क का प्रयोग करने की अपील की है. सामान्य वायरल संक्रमण तीन से चार दिन में ठीक हो जाता है. लेकिन वायरल इंफेक्शन के चलते बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं. अस्पतालों ने भी संक्रमण के बाद बीमारी और कमजोरी की अवधि में वृद्धि की सूचना दी है.

यह संक्रमण मुख्य रूप से एच3एन2 वायरस के कारण होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. चिकित्सा विशेषज्ञों ने देखा है कि सह-रुग्णता वाले लोगों को इस महामारी का खतरा अधिक है. स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से अपील की गई है कि इन्फ्लूएंजा एच3 एन2 वायरस के लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सक की सलाह से 72 घंटे के भीतर इलाज करा लिया जाए तो इस पर काबू पाया जा सकता है. एक से चार दिन में लक्षण दिखने लगते हैं.

लक्षणों में छोटे बच्चों में कफ, बुखार, गले में खराश, ठंड लगना, शरीर में दर्द, ठंड लगना, कंपकंपी, कमजोरी और विशिष्ट उल्टी और दस्त शामिल हैं. अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश सुतार ने बताया कि सह-रुग्णता वाले रोगी, वरिष्ठ नागरिक, छोटे बच्चे और उपचार के कारण जिन रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है, उन्हें इस विकार का सबसे अधिक खतरा होता है और निमोनिया जैसी जटिलताएं हो सकती हैं, श्वसन तंत्र अवरुद्ध हो सकता है और मृत्यु हो सकती है.

उच्च जोखिम वाले व्यक्ति इन्फ्लूएंजा एच3 एन2 वायरस उच्च जोखिम वाले निम्न व्यक्तियों में गंभीर रूप धारण कर सकता है. इन्फ्लूएंजा किसी भी उम्र के व्यक्ति से संक्रमित हो सकता है. लेकिन निम्न व्यक्तियों में इस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है.

5 वर्ष से कम आयु के बच्चे (विशेषकर 1 वर्ष से कम आयु के बच्चे), 65 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती माताएँ, उच्च रक्तचाप या अन्य हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा, फेफड़े, लीवर, किडनी की बीमारी वाले लोग, चेता संस्था के विकार वाले व्यक्ति, प्रतिकार शक्ति की कमी,  लंबे समय तक स्टेरॉयड दवाएं लेने वाले व्यक्ति.

इन्फ्लूएंजा H3N2 वायरस कैसे फैलता है?

चूंकि यह एक संक्रामक रोग है, यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, जो गंभीर हो सकता है. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए ध्यान रखना चाहिए.

व्यक्ति से व्यक्ति, खांसने और छींकने के माध्यम से इनहेलेशन के माध्यम से, हाथों और सतहों पर बूंदें आदि से फैलता है.

 इन्फ्लूएंजा एच3 एन2 फ्लू  के लक्षण –

 बुखार, गले में खराश, खांसी, नाक बहना (सर्दी), शरीर में दर्द, सिरदर्द आदि. 

बाल रोगियों में हल्का से मध्यम बुखार होता है. गले में खराश वाले बच्चे को अत्याधिक लार आती है. कुछ रोगियों को दस्त और उल्टी का अनुभव होता है.

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को अक्सर बुखार नहीं होता है.

गंभीर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (एसएआरआई) वाले मरीजों के महत्वपूर्ण लक्षण –

5 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति में –  380 से ऊपर अचानक बुखार आना, खांसी/गले में खराश, सांस फूलना, सांस लेने में तकलीफ आदि का समावेश है. रैफर किए गए मरीजों में जो इन्फ्लूएंजा एच3 एन2 फ्लू से संक्रमित पाये जाते हैं, उनके करीबी साथियों को ढूंढ़ना और लक्षणों के अनुसार फ्लू जैसे लक्षणों वाले करीबी लोगों का उपचार करना भी आवश्यक है, यह जानकारी जिला सर्जन डा. अमरीश मोहबे ने दी है.