जलगांव

Published: Apr 09, 2021 10:23 PM IST

Central Teamकोरोना की स्थिति का जायजा लेने पहुंची जलगांव केंद्रीय टीम

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

जलगांव. जिले में कोरोना संक्रमण और निवारक उपायों की समीक्षा करने के लिए केंद्रीय समिति ( Central Team ) टीम पहुंची हैं। शुक्रवार को केंद्रीय समिति टीम ने भुसावल तहसील (Bhusaval Tehsil) क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भुसावल शहर सहित तहसील क्षेत्र में कोरोना (Corona) स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। टीम ने कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center), स्वाब कलेक्शन सेंटर (Swab Collection Center), प्रतिबंधित एरिया आदि का भी दौरा किया।

जिले में कोरोना की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए केंद्रीय टीम गुरुवार से 5 दिवसीय जलगांव ज़िले के दौरे पर हैं। प्रत्येक तहसील क्षेत्र और नगरपालिका इलाके में केंद्रीय जांच दल दौरा करेंगे। कोरोना स्थिति पर समीक्षा करने के पश्चात स्थानीय ज़िला प्रशासन को इलाज और अन्य उपायों पर दिशा-निर्देश देंगे।

समन्वय स्थापित कर प्रभावी ढंग से लागू करें नियम

कलेक्ट्रेट में आयोजित कोरोना निवारक उपायों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. श्रीकांत ने कहा कि जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए पर्याप्त उपचार सुविधाओं की योजना बनाते हुए होम क्वारंटाइन मरीजों पर विशेष ध्यान देना होगा। साथ ही निवारक उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन करने ज़िला प्रशासन को सुझाव दिया। डॉ. श्रीकांत ने जिले में मरीजों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा जिले में लागू किए जा रहे कोरोना रोकथाम उपायों की भी समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिले में मरीजों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए यदि सभी कोविड नियमों का सही तरीके से पालन कराया गया तो संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है। पुलिस और अन्य विभाग समन्वय स्थापित कर नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करें तो कोरोना को आसानी से काबू किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना परीक्षणों को बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति जांच से न छूटे और उन पर समय रहते इलाज किया जा सके। संक्रमण अधिक न फैले इस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कर्मियों को फटकार लगाई। होम क्वारंटाइन मरीजों पर बारीकी से निगरानी रखें, वे घर के बहार निकल कर दूसरों को संक्रमित न करें, इस पर विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए। कोरोना को काबू में करने के लिए प्रतिबंधात्मक क्षेत्र के प्रभावी तौर पर कार्यान्वयन के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद के साथ ही पुलिस बल को सूचीबद्ध किए जाने के निर्देश दिए।

 टीकाकरण अभियान पर फोकस

डॉक्टर श्रीकांत ने टीकाकरण अभियान पर अधिक ध्यान देते हुए व्यापक पैमाने पर वैक्सीनेशन किए जाने और कोरोना परीक्षण जारी रखने का सुझाव दिया। केंद्रीय टीम ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में लागू की जा रही बेड साइड सहायक पहल की सराहना की और जिले में प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों पर संतोष व्यक्त किया।

उपचार सुविधा का हो रहा विस्तार

जिला कलेक्टर राउत ने जिले में कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे निवारक उपायों के बारे में केंद्रीय दल को अवगत कराया। राउत ने बताया कि प्रशासन ने शहरी क्षेत्रों में 82 और ग्रामीण क्षेत्रों में 60 लोगों को कोरोना इन्फेक्शन से बचाने के लिए कन्टेनमेंट जोन घोषित की है। कोरोना उपचार सुविधा का विस्तार किया जा रहा है और ऑक्सीजन बिस्तर आईसीयू और अन्य उपचार सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जा रहा है और कोरोना परीक्षणों के साथ-साथ टीकाकरण केंद्रों को भी बढ़ाया जा रहा है। जिले में ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर दवा की पर्याप्त आपूर्ति है और कोविड नियमों के प्रभावी पालन पर जोर दिया जा रहा है। सरकारी प्रतिबंधों का सफलतापूर्वक पालन कराया जा रहा है।

समन्वित तरीके से हो रहा टीकाकरण

जिला परिषद चीफ ऑफिसर डॉ. बी.एन. पाटिल ने कहा कि बड़ी संख्या में इलाज की सुविधा, कोरोना परीक्षणों को ग्रामीण क्षेत्रों में और निजी सीसीसी में भर्ती किया जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू पृथककरण सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं। बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है और इसे पर्याप्त अनुभवी जनशक्ति प्रदान करने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण अभियान स्थानीय निकायों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से योजनाबद्ध और समन्वित तरीके से चलाया जा रहा है। पाटिल ने ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को रोकने के लिए जिला परिषद द्वारा किए जा रहे उपायों की भी जानकारी दी।

कोरोना से हो रही मौत को रोकने के लिए संक्रमित मरीजों के साथ गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों का भी समय पर उपचार किया जाए। विशेष देखभाल के साथ गंभीर मरीजों का इलाज करने से मौत को रोकने में मदद मिलेगी।

- डॉक्टर अनुपमा बेहरे, समिति सदस्य