जलगांव

Published: Dec 11, 2020 05:55 PM IST

विरोधआईएमए जिला इकाई ने किया प्रदर्शन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

धुलिया. भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अंतर्गत चिकित्सा सेवा करने वाले डाक्टरों को शल्य चिकित्सा का अधिकार देने से मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है। मरीज बिना समय मौत का शिकार हो सकता है। आयुर्वेद चिकित्सकों को ऑपरेशन के अधिकार देने के विरोध में आईएमए जिला इकाई द्वारा शुक्रवार को महाराणा प्रताप प्रतिमा चौराहा पर प्रदर्शन किया गया।

प्रस्तावित कानून का विरोध

आईएमए धुलिया इकाई ने आयुर्वेदिक और यूनानी पद्धति के डॉक्टरों को सर्जरी की छूट के प्रस्ताव का विरोध किया है। इस कानून को निरस्त करने की मांग की है। इलाज की नई दवा और तकनीक को विकसित करना मॉडर्न मेडिसिन के रिसर्च से ही संभव है। सरकार के प्रस्ताव से उच्च स्तरीय इलाज में कठिनाई होगी। आईएमए ने 11 दिसम्बर को नॉन कोविड चिकित्सा सेवा बंद रखने का निर्णय लिया था।

आयुर्वेदिक डॉक्टरों को अनुमति असंवैधानिक

वानखेड़े ने बताया कि हाल ही में आयुर्वेद डॉक्टरों को एक संक्षिप्त औपचारिक प्रशिक्षण के पश्चात सर्जरी की अनुमति दी गई है, जो न केवल असंवैधानिक है, अपितु मानवीय दृष्टिकोण से भी अनुचित है। संगठन ने इस कानून को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। इस अवसर पर एमबीबीएस विद्यार्थी डॉक्टर शल्य चिकित्सक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।