जलगांव

Published: Nov 28, 2020 04:29 PM IST

मांगअमृत योजना के घालमेल की हो जांच

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

जलगांव. अमृत योजना में खोदे गए गड्ढों की मरम्मत ठेकेदार को करनी चाहिए, लेकिन जलगांव शहर में नियमों को ताक पर रखकर मनपा प्रशासन करा रहा है. इस घालमेल की जांच कराने की मांग और जिस इलाके में अमृत योजना का कार्य पूरा हुआ है, उसी क्षेत्रों में सड़क मरम्मत करने की मांग शिवसेना नगरसेवक प्रशांत नाईक ने मनपा आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर की.

मनपा  प्रशासन की उदासीनता के कारण कछुआ गति से चल रही अमृत योजना के काम की शिकायतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शिवसेना पार्षद ने आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर उसी इलाके में सड़क मार्ग निर्माण करने की गुहार लगाई है, जिन क्षेत्रों में अमृत योजना की जलापूर्ति पाइप लाइन बिछाई गई हो. इस तरह की मांग स्थायी समिति सदस्य प्रशांत नाईक ने की है.

नाईक ने कहा कि यदि सड़क की मरम्मत का काम आंशिक रूप से पूरा न होने वाले स्थान पर किया जाता है, तो इसमें  निगम का पैसा बर्बाद होगा और बाद में दोगुना धन खर्च हो सकता है. अगर इस तरह से किया गया तो सारी जिम्मेदारी निर्माण विभाग के इंजीनियरों की होगी. इस प्रकार की चेतावनी भी उन्होंने दी.

50 लाख में  की जा रही सड़कों की मरम्मत

सेना नगरसेवक ने बताया है कि शहर के सभी 19 वार्डों में 50 लाख रुपए की सड़क मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. हालांकि अमृत योजना के तहत शहर में 100 प्रतिशत कार्य कराने की मान्यता दी गई है. शहर में जल निकासी योजना चार चरणों में लागू की गई है. सरकार ने पहले चरण को मंजूरी दी है. कुछ क्षेत्रों में युद्धस्तर पर काम चल रहा है और कुछ इलाकों में धीमी गति से किया जा रहा है. ऐसे में सड़क की मरम्मत का काम केवल उसी जगह होना चाहिए, जहां अमृत योजना का काम पूरा हो चुका है. अमृत ​योजना का काम लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो गया है और सत्ता पक्ष को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि इसे कैसे पूरा किया जाएगा. नगर के विस्तार क्षेत्र में नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं तथा पक्की सड़कें भी नहीं दी गई हैं, इस पर भी ध्यान देने की उन्होंने मांग की है.

ठेकेदार को पहुंचाया जा रहा लाभ 

नाईक ने मनपा की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए प्रश्न उपस्थित किया कि अमृत योजना के तहत खोदे गए गड्ढों को मरम्मत उसी ठेकेदार द्वारा करने का प्रावधान है, फिर भी महानगर निगम गड्ढों की मरम्मत कर रही है. ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का कारण क्या है, इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग भी उन्होंने की है.