जलगांव

Published: Jan 14, 2023 04:45 PM IST

Jalgaon News सार्वजनिक शौचालयों का सर्वेक्षण करेगा जलगांव महानगरपालिका

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

जलगांव : शहर में निजी शौचालय (Toilets) बनाने के लिए महानगरपालिका की ओर से आठ हजार लोगों को अनुदान दिया गया है, लेकिन फिर भी कुछ इलाकों में सार्वजनिक शौचालयों (Public Toilets) की संख्या कम नहीं हुई है। उनकी सफाई का खर्च हर महीने बढ़ रहा है, इसलिए अब महानगरपालिका ने इन शौचालयों का सर्वे करने का निर्णय लिया है। जिन जगहों पर शौचालय की जरूरत नहीं है, वहां के शौचालय बंद कर दिए जाएंगे ऐसा विचार महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) की ओर से व्यक्त किए गए। 

सड़कों पर शौच की गंदी आदत को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने व्यक्तिगत शौचालय बनाने के लिए नागरिकों को 16,000 रुपए की अनुदान दिया है। यह योजना महानगरपालिका के माध्यम से जलगांव शहर में लागू की गई। शहर में आठ हजार 935 लोगों ने इस अनुदान के लिए आवेदन किया था, इनमें से आठ हजार की राशि दी गई है, लेकिन बाद में महानगरपालिका को सूचना मिली की जिन लोगों ने शौचालय बनाने के लिए अनुदान लिया है, उनके घरों में पहले से ही शौचालय मौजूद हैं, लेकिन अनुदान लेकर उन लोगों ने सार्वजनिक शौचालय बना दिया है, जिससे वे लोग कमाई भी कर रहे हैं। 

जितने शौचालय की जरूरत होगी, उतने बनवाएंगे

शहर में 8 हजार रुपए लोगों ने अनुदान लेकर अपने निजी शौचालयों का निर्माण किया, इसलिए सार्वजनिक शौचालयों में जाने वालों की संख्या कम होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज भी शहर में महानगरपालिका के 1655 शौचालय हैं, इनकी सफाई पर सात से आठ लाख रुपए प्रति महीने खर्च किया जाता है। देखा जा रहा है कि इनमें से कुछ शौचालयों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है, इसके अलावा नागरिकों ने व्यक्तिगत शौचालय बनवाए हैं। अगर ये सीटें कम हो जाती हैं तो महानगरपालिका का मासिक सफाई खर्च भी बचेगा, इसलिए महानगरपालिका ने अब शौचालयों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। सार्वजनिक शौचालयों का प्रमाण प्रत्येक 40 नागरिकों के लिए एक सीट है, इसके अनुसार उस क्षेत्र में दिन में कितने नागरिक शौचालय में आते हैं, इसका सर्वे किया जाएगा। सर्वे के आधार पर उस क्षेत्र में उतने ही शौचालय बनाए जाएंगे, जितने शौचालयों की आवश्यकता है, जहां शौचालयों की जरूरत नहीं है, उन्हें बंद या तोड़ दिया जाएगा। इससे महानगरपालिका का मासिक सफाई खर्च भी बचेगा। 

नागरिकों ने निजी शौचालयों के लिए सब्सिडी ली है। इसलिए सार्वजनिक शौचालयों को कम करके हर महीने सफाई की लागत को कम करने की आवश्यकता है, इसलिए उक्त सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया गया है।

- उदय पाटिल, सहायक आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग, जलगांव