जलगांव

Published: Jun 28, 2022 09:06 PM IST

Sub Regional Transport Officeबीएस-6 वाहन रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा, सुर्खियों में आया नंदूरबार परिवहन विभाग !

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

– वाहिद काकर

जलगांव/नंदुरबार : फर्जी (Fake) तरीके से गाड़ियों (Vehicles) को पंजीकृत (Registered) करने के मामले को लेकर नंदुरबार उप प्रादेशिक परिवहन कार्यालय (Sub Regional Transport Office) एक बार फिर से सुर्खियों में आया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है, कि इस मामले में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। फर्जी तरीके से बीएस-4 गाड़ियों का पंजीकरण बीएस-6 में किया गया है। जिसकी शिकायत और मामले में दोषी अधिकारियों को सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज कराई जाने की गुहार परिवहन कमिश्नर अविनाश ढाकने से की गई। वहीं बड़े अधिकारी मामलों में छोटी मछलियों पर गाज गिराने की कवायद शुरू की गई है। 

गौरतलब हो कि जलगांव उप प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में विधायक संजय सावकरे की कार परिवहन मंत्री अनिल परब के नाम फर्जीवाड़ा कर किया गया था। इस मामले में एक एआरटीओ और छोटी मछलियों पर गाज गिराई गई थी। इसी तरह से धुलिया परिवहन विभाग कार्यालय में भी दो दर्जन से भी अधिक ट्रकों का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन किया गया था। जिसकी जांच अभी भी अधर में लटकी हुई है और दोषी अधिकारियों पर किसी भी किस्म की कार्रवाई नहीं की गई। जिससे साफ साबित होता है कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर होने के बावजूद वरिष्ठ अधिकारी इसमें लिप्त होने के कारण दोषियों को बचाया जाता है। 

बीएफ-4 का बीएस-6 वाहनों में रजिस्ट्रेशन

परिवहन विभाग ने 31 मार्च 2020 से बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन करना बंद कर दिया था। इस के बावजूद गाड़ियों को बीएस-6 दर्शाकर नंदुरबार आरटीओ में 199 वाहनों का फर्जी तरीके से पंजीकरण करवाया कर फर्जीवाड़ा किया है। इस संबंध में उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी किरण बीडकर से पूछा गया की नंदुरबार उप प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में ट्रैक्टर ट्रालियों के नंबर का गैरकानूनी उपयोग करते हुए बीएफ-4 वाहनों का बीएस-6 वाहनों में रजिस्ट्रेशन कराया गया है। जिसकी शिकायत परिवहन कमिश्नर कार्यालय से की गई है। 

उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी ने इस मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की उन्हें जानकारी नहीं है। वहीं एक परिवहन अधिकारी ने निजी बातचीत में कहा कि परिवहन विभाग की साइट को हैक कर कुछ गड़बड़ियों को अंजाम दिया है। नाम न छापने की शर्त पर  परिवहन विभाग के एक कर्मि ने बताया है कि इस कांड में बड़े अधिकारी शामिल है। लेकिन मामला उजगार होने पर दो लिपिकों और निजी एजंट को बलि का बकरा बनाया जाएगा।