जलगांव

Published: Jan 12, 2023 05:18 PM IST

Road Accidents11 महीने में इतने लोगों की मौत, सड़क हादसों में पीछे नहीं है जलगांव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

जलगांव : प्रदेश सहित जिले में सड़क हादसों (Road Accidents) में कमी लाने के प्रयास भले ही किए जा रहे हों, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई है। जनवरी से नवंबर 2022 के बीच जिले में 843 सड़क हादसों में 505 मौतें हुई हैं और 406 मामूली चोटें और 105 गंभीर रूप से घायल होने की सूचना यातायात पुलिस (Traffic Police) को दी गई है।  2021 की तुलना में 2022 में सड़क हादसों में वृद्धि हुई है। 

सरकार के निर्देशानुसार जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए यातायात पुलिस, परिवहन एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के समन्वय से प्रतिवर्ष सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। इस अभियान के बाद भी हादसों की संख्या में कमी नहीं आ पाई है। राजमार्गों सहित अन्य पर दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। 

नागपुर-सूरत नेशनल हाइवे नंबर 6 का काम पिछले 12-13 वर्ष से ठप पड़ा हुआ था। इस राजमार्ग के साथ जलगांव-पाचोरा राजमार्ग 158, औरंगाबाद और अन्य राज्य राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित करने के बाद, पाचोरा-मनमाड मार्ग पूरा हो गया है। हालांकि कई जगह सड़क चौड़ीकरण, कांक्रीटिंग का काम अधूरा पड़ा हुआ है। 

जनवरी से नवंबर 2022 की अवधि में जलगांव शहर और अन्य सड़कों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर 843 सड़क हादसों में 505 लोगों की मौत हुई, जबकि 105 लोग गंभीर रूप से घायल और 406 लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं। जनवरी से नवंबर के बीच दुपहिया और चौपहिया वाहनों से जुड़ी 843 दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं और मौत सहित गंभीर और मामूली चोटों की संख्या 1016 दर्ज की गई है। इस महीने में 77 हादसों में 46 लोगों की मौत होने की जानकारी मिली है, जबकि छोटे-बड़े वाहन हादसों में 36 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। सबसे अधिक संख्या 115 दुर्घटना अप्रैल महीने में, मई महीने में 103, नवंबर में 102 और उससे कम जनवरी में 97 दुर्घटनाएं हुई हैं। प्रति माह औसतन 70 दुर्घटनाएं होने की बात सामने आई हैं। 

दुर्घटनाओं के कारण

गति नियंत्रण में कमी, ओवरटेकिंग, सीट बेल्ट की कमी, हेलमेट का उपयोग न करना, विपरीत दिशा में वाहन चलाना, टायरों में हवा की मात्रा सहित अति आत्मविश्वास और छोटे और बड़े वाहनों की चमकदार हेडलाइट जैसे कारणों से ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही हैं।