जलगांव

Published: Oct 29, 2020 04:41 PM IST

ज्ञापनमराठा आरक्षण का मुद्दा फिर गरमाया

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

शिंदखेडा. मराठा समाज को तत्काल आरक्षण की सुविधाएं मुहैया कराए जाने की मांग शिंदखेडा शहर मराठा समाज जनों ने तहसीलदार सुनील सैंदाने से की है. इस संबंध में उन्हें ज्ञापन सौंपा गया है. ज्ञापन में मराठा आरक्षण के लिए मराठा समाज ने पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन कर शांति से ऐतिहासिक लगभग 58 मोर्चे निकाले. कई समाज जनों ने मराठा आरक्षण के लिए अपने प्राण गंवाए.

इसके बाद महाराष्ट्र में सामाजिक व शैक्षणिक दृष्ट्या पिछड़े मराठा समाज के नौकरी व शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का अध्यादेश 30 नवंबर 2018 को विधानसभा में सर्वसम्मति से कर, अन्य समुदायों के आरक्षण को बाधा न पहुंचाते हुए मराठा समाज को 16 %आरक्षण दिया गया. लेकिन कुछ मात्र विरोधकर्ताओं ने मराठा आरक्षण को चुनौती देकर सुप्रीम कोर्ट में  याचिका दाखिल की.

मजबूती से सरकार ने नहीं रखा पक्ष

शासन की ओर से मजबूत पक्ष मराठा समाज की ओर से न्यायालय में रखने की मांग मराठा समाज की ओर से की गई.पर राज्य सरकार मराठा समाज की आरक्षण के बारे में मजबूत दावा नहीं रख पायी. इस तरह का आरोप लगाया है. न्यायालय ने मराठा समाज के आरक्षण पर स्थगन दिया है. राज्य सरकार के कारण मराठा समाज को मिला आरक्षण नकारा गया जिसका निषेध मराठा समाज ने दर्ज कराया है. राज़्य की आघाड़ी सरकार ने मराठा समाज का दावा मजबूत रखे एवं स्थगन वापस लेकर मराठा समाज को  तत्काल आरक्षण दे.

जरूरत पड़े तो फिर से जारी करें अध्यादेश

आवश्यकता होने पर फिर से अध्यादेश निकाल कर इस वर्ष की शैक्षणिक प्रवेश प्रक्रिया एवं भरती में मराठा समाज को  आरक्षण दे. अन्यथा मराठा समाज की ओर से राज्य में फिर से तीव्र आंदोलन किया जायेगा. इस प्रकार का ज्ञापन मराठा समाज की ओर से दिया गया. गणेश मराठे,अमोल मराठे, राजेंद्र मराठे, अतुल मराठे, गोविंद मराठे, मनोज मराठे, अनिल मराठे, आनंद मराठे, रवींद्र मराठे, श्रावण मराठे, नितीन मराठे, मोहन मराठे, तुषार मराठे, प्रकाश मराठे, अमोल मराठे, देविदास मराठे, अनिल मराठे, विक्की मराठे, खुशाल मराठे आदि उपस्थित थे.