जलगांव

Published: Oct 31, 2020 05:02 PM IST

नियुक्तितोरवणे दंपति बने गुजरात के नीति निर्धारक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

साक्री. तहसील के कई व्यक्तियों ने अपनी निष्ठा, लगन एवं कर्तव्यों का परिचय देते हुए अपनी पैतृक तथा जन्मभूमि का नाम रोशन किया है. इसी कड़ी में आईएएस मिलिंद तोरवणे और उनकी आईपीएस पत्नी निपुणा तोरवणे दंपति का नाम जुड़ गया है. तहसील के हर नागरिक का सर इस दंपति की कामयाबी से ऊंचा हो गया है. तहसील के काटवान परिसर में स्थित ग्राम बेहेड़ उनका पैतृक गांव है.

मिलिंद 3 वर्षों से संभाल रहे कैबिनेट सेक्रेटरी का भार

तहसील के ग्राम बेहेड़ के निवासी आईएएस अधिकारी मिलिंद तोरवणे विगत 3 वर्षों से गुजरात राज्य में कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर काम कर रहे हैं. उनकी आईपीएस पत्नी निपुणा मिलिंद तोरवणे भी गुजरात में ही कार्यरत है. हाल ही में आईपीएस निपुणा तोरवणे का गुजरात सरकार में गृह तथा वित्त मंत्रालय के सेक्रेटरी पद पर चयन हुआ है. इस नई जिम्मेदारी से गुजरात राज्य का भविष्य अब तोरवणे दंपति के हाथ में है. तोरवणे दंपति अपनी कार्यकुशलता के लिए गुजरात में जाने जाते हैं. इसी कार्यशैली ने उक्त दंपति को इतने कम उम्र में अपने कैरियर के सर्वोच्च स्थान पर ला बैठाया है. मिलिंद तोरवणे के पिताजी शिवाजीराव तोरवणे जिला परिषद में कृषि अधिकारी के पद से निवृत्त हुए है. फिलहाल साक्री शहर के निवासी हैं.

मोदी के हाथों हो चुके हैं पुरस्कृत

मिलिंद सन् 2000 की बैच के आईएएस अधिकारी हैं, वे अभियांत्रिकी के स्नातक है. गुजरात के कच्छ से उन्होंने अपनी सेवा शुरू की. संकट काल में वे गोधरा के जिलाधिकारी रहे. यहां अपनी पारदर्शी और सुलझी हुई कार्यशैली से काम करते हुए उन्होंने नाम कमाया. यहीं से वे प्रशासन की नजरों में आए. सूरत महापालिका के आयुक्त के रूप में काम किया. तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उनका सर्वश्रेष्ठ जिलाधिकारी के पुरस्कार द्वारा 2 बार गौरव किया गया.

अपनी कार्यशैली की छोड़ी छाप

मिलिंद की पत्नी निपुणा ने भी अपनी कार्यशैली का परिचय देते हुए आईपीएस के पद पर प्रभावी काम किया. इसी के चलते उनको हाल ही में राज्य के गृह तथा वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्रालय के सेक्रेटरी पद पर चुना गया है. कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर पति मिलिंद और गृह तथा वित्त विभाग के सेक्रेटरी पद पर पत्नी निपुणा की नियुक्ति से गुजरात की नीति निर्धारक दंपति के रूप आज उनकी पहचान स्थापित हो गई है.

अपनी पैतृक भूमि, गांव और तहसील क्षेत्र के लिए कुछ नहीं कर पाने की कसक मेरे तथा निपुणा के दिल में हैं. अपने जन्मभूमि के लिए मैं मौका मिलते ही कुछ जरूर करना चाहूंगा.

-मिलिंद तोरवणे, कैबिनेट सेक्रेटरी, गुजरात सरकार