कोल्हापुर

Published: Jul 25, 2020 07:49 PM IST

कर्तव्यकोरोना के खिलाफ जंग में जुटे हैं डॉ.मदने, 3 माह से नहीं गए घर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

कोल्हापुर. कोरोना संक्रमण के डर से आम मरीजों पर इलाज के लिए जहां कई डॉक्टर पीछे हटते दिखाई दे रहे हैं, वहीं कोल्हापुर जिले के संजय घोडावत विश्वविद्यालय में शुरू कोविड सेंटर में तैनात डॉ.उत्तम मदने दिन-रात कोविड योद्धा के रूप में अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. डॉ मदने पिछले 3 माह से अपने घर नहीं गए हैं और कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे हुए हैं. डॉ.मदने के इस समर्पित कार्य की सराहना कोल्हापुर के जिलाधिकारी दौलत देसाई ने की. उन्होंने कहा की हर डॉक्टर अगर इस तरह से काम करने की ठान लें, तो हमें कोरोना पर काबू पाना आसान होगा.

डॉक्टर मदने सातारा के निवासी हैं.उनका शैक्षणिक जीवन कोल्हापुर में बिता. डॉ उत्तम मदने हातकनंगले तहसील में वैद्यकीय अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं. उनके काम और अनुभव को देखते हुए जिला परिषद के सीईओ अमन मित्तल ने उन्हें कोरोना पर उपाय योजनाओं के कामों में लगा दिया. सामुहिक संसर्ग होने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर डॉ.मदने ने अपने तरीके से घोडावत विश्वविद्यालय के हॉस्टल को अस्पताल में तब्दील कर दिया.बाहर गांवों से आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग,स्वैब,डेटा कलेक्शन सॉफ्टवेयर,बेड्स,गंभीर मरीजों के लिए आईसीयु जैसी सुविधाओं का उन्होंने निर्माण किया.

…तो पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाऊंगा

कोरोना के मरीजों के इलाज के साथ उनका मनोबल बढ़ाना, उन्हें मिलनेवाली सुविधाओं पर ध्यान आदि सभी व्यवस्था पर डॉ.मदने कार्य कर रहे हैं. विगत तीन माह से डॉ.मदने अपने घर भी नहीं गए.उनका कहना है कि मैं घर जाता रहा तो पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाऊंगा इसलिए उन्होंने घर जाने बेहतर कोविड सेंटर को ही अपना घर बना लिया है.

न करें मरीजों-परिवारवालों की अवहेलना

डॉ. उत्तम मदने का कहना है कि कोरोना के मरीज पूरी तरह ठीक हो रहे हैं, कोई व्यक्ति अगर पॉजिटिव होता है, तो उन्हें और उनके परिवार वालों से गुनाहगारों जैसा बर्ताव या अवहेलना न करें.यह आपबीती भी हो सकती है.यह मुसीबत किसी पर भी आ सकती है.

 कोविड सेंटर में हैं, 280 मरीज

घोडावत विश्वविद्यालय के हॉस्टल में बनाये गए इस कोविड सेंटर में कुल 280 कोरोना मरीजों पर इलाज जारी है.अब तक 30 मरीज ठीक होकर निकले हैं.इस सेंटर में ओपीडी के कुल नौ हजार और साढ़े तीन हजार मरीजों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराने की सुविधा दी गयी है.

इलाज के लिए आगे आएं

कोरोना के डर से कई डॉक्टर मरीजों पर इलाज करने से कतरा रहे हैं, लेकिन अब कोरोना के साथ ही जीवन बिताना है,खुद को संभालकर डॉक्टर मरीजों का इलाज करने आगे आएं,ऐसी अपील डॉ.मदने ने की.