महाराष्ट्र

Published: Feb 12, 2023 09:47 AM IST

Bhagat Singh Koshyariमहाराष्ट्र: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर, रमेश बैस होंगे राज्य के नए गवर्नर, और भी कई 'बदलाव'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic: ANI

नई दिल्ली/मुंबई. राजधानी दिल्ली से मिली बड़ी खबर के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी (Governor BS Koshiyari) का इस्तीफा अब स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही राष्ट्रपति निवास से जारी आदेश के अनुसार कोश्यारी के बाद अब रमेश बैस (Ramesh Bais) को राज्य का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। जी हां, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है।

और भी हुए बदलाव 

इसके साथ ही अब अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बी डी मिश्रा लद्दाख के उपराज्यपाल बनाए गए हैं। वहीं अब लद्दाख के उप-राज्यपाल राधा कृष्ण माथुर का इस्तीफ़ा मंजूर किया गया है। इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बी डी मिश्रा लद्दाख के उपराज्यपाल बनाए गए। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस महाराष्ट्र के राज्यपाल बनाए गए। पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए हैं।

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जानकारी हो कि कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पने पद से हटने की इच्छा जाहिर की थी। राज्यपाल ने कहा था कि, “मैंने पीएम को अपनी सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा से अवगत कराया।” ये जानकारी महाराष्ट्र राजभवन ने प्रेस रिलीज के जरिए शेयर की गई थी। 

दरअसल राजभवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि, “राज्यपाल कोश्यारी ने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य इत्मीनान की गतिविधियों में बिताने की इच्छा व्यक्त की है।” इतना ही नहीं खुद कोश्यारी ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा था कि, “महाराष्ट्र जैसे महान राज्य- संतों, समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की भूमि के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी।”

गौरतलब है कि, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी हमेशा ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। वहीं, विपक्ष ने राज्यपाल पर पक्षपाती होने का भी आरोप लगा चुकी है। अभी हाल ही में उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर एक बयान दिया था। जिसके बाद महाराष्ट्र में विपक्ष पार्टी के साथ-साथ राज्य सरकार के कई नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई थी। दरअसल  राज्यपाल ने बीते साल 2022 की नवंबर में कहा था कि, छत्रपति शिवाजी महाराज “पुराने दिनों” के आइकन थे।