महाराष्ट्र

Published: Dec 14, 2022 11:41 AM IST

Maharashtra Karnataka Border Disputeमहाराष्ट्र के दामाद है गृहमंत्री अमित शाह, सीमा मुद्दे पर लिया जाए कुछ सकारात्मक निर्णय: संजय राउत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे (M0aharashtra Karnataka Border) को लेकर देश में बवाल मच गया है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर ध्यान देना चाहिए। महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों में भाजपा (BJP) के मुख्यमंत्री हैं। केंद्र के पास पूरे सीमा क्षेत्र को केंद्रीकृत करने का अधिकार है। बेलगाँव, कारवार, निपानी से राज्य पुलिस बल हटाकर केंद्रीय बल वहा भेजा जाए। इस बीच शिवसेना के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि, इस मामले में अगर गृह मंत्री मध्यस्थता कर रहे हैं और इससे कुछ सकारात्मक निर्णय लिया जाता है, तो इसकी आलोचना करने का कोई कारण नहीं है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि, पिछले 70 सालों से सीमा क्षेत्र में मराठी लोगों का उत्पीड़न होता आ रहा है। गृह मंत्री महाराष्ट्र के दामाद हैं। इस बात का असर शाह की ससुराल कोल्हापुर में भी हो रहा है। इसलिए उन्हें इस बारे में अंदाजा होगा। कोर्ट राम मंदिर का मसला सुलझा सकता है लेकिन 20-25 लाख मराठी लोग अब भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। सीमा मुद्दे पर बार-बार कोर्ट की तारीखों से या महाराष्ट्र में नाजायज सरकार की वजह से कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। सिर्फ सीमा का मुद्दा ही नहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई महाराष्ट्र के गांवों पर दावा कर रहे हैं। राउत ने यह भी कहा कि इस बारे में सरकार से विधानसभा में सवाल किया जाएगा।

तवांग मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, 300 चीनी सैनिक तवांग में घुसे, उन्हें वापस भेज दिया गया।ठीक है, लेकिन बार-बार चीन भारत में घुसने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए पंडित नेहरू को दोषी ठहराया जाता है। आप पिछले 8 साल से सरकार में हैं। शिकायत करने के बजाय हमें यह देखना चाहिए कि हम क्या कर सकते हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे पर बुधवार शाम बुलाई गई। इस बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली जाएंगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि इस बैठक में महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर राज्य की स्थिति स्पष्ट की जाएगी।