महाराष्ट्र

Published: Sep 29, 2020 04:42 PM IST

ख़ास खबर महाराष्ट्र: पालघर में कोरोना के बाद अब खतरनाक 'कॉन्गो फीवर' का कहर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पालघर. एक तरफ जहाँ महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Corona) संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के पालघर (Paalghar) में एक खतरनाक ‘कॉन्गो बुखार’ (Congo Fever) का अलर्ट जारी किया है ।पता हो कि पालघर जिला प्रशासन ने बीते सोमवार को ‘कॉन्गो  बुखार’ का अलर्ट जारी किया था। वहीं अब पड़ोसी राज्य गुजरात के जिलों ने क्रीमियन कॉन्गो हेमोरेजिक फीवर (CCHF) के चार मामलों की सुचना दी  है, जिसमें जानवरों से इंसानों में यह बिमारी फैलने की आशंका थी।

जहाँ पालघर जिला अब ‘कॉन्गो हाई अलर्ट’ पर आ गया है। वहीं जिला प्रशासन पशु फीडर, मांस विक्रेताओं और राज्य पशु पालन विभाग के कर्मचारियों से इसको लेकर विशेष रूप से चौंकन्ना होने को कहा है। 

क्या है क्रीमियन कॉन्गो हेमोरेजिक फीवर (CCHF)

क्रीमियन कॉन्गो हेमोरेजिक फीवर (CCHF)जिसे आम तौर पर कॉन्गो बुखार कहा जाता है, एक टिक के माध्यम से फैलता है।  यह वायरल बीमारी एक जानवर से दुसरे जानवर में एक विशेष प्रकार के टिक से फैलती है।  यह बीमारी संक्रमित जानवरों के खून के संपर्क में आने से या फिर संक्रमित  जानवर के मांस का सेवन करने से भी होता है।  वहीं  विषाणु का संक्रमण हयालोमेरा टिक, बाहरी परजीवी, स्तनधारियों, पक्षियों आदि के रक्त  से भी होता है।

कैसे फैलता है संक्रमण?

डॉक्टरों की मानें तो यह वायरस सबसे पहले जानवरों को चपेट में लेता है। इनके संपर्क में आने से यह लोगों में फैलता है। इस वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति की मौत की आशंका काफी अधिक होती है। एक बार चपेट में आने पर यह वायरस 3 से 9 दिन में पूरे शरीर में फैल जाता है।

क्या हैं इसके लक्षण?

कॉन्गो वायरस की चपेट में आने पर सबसे पहले बुखार, मांसपेशियों व सिर में दर्द, चक्कर आना, आंखों मे जलन, रोशनी से डर लगना, पीठ में दर्द और उल्टी लगने जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। रोगी का गला पूरी तरह बैठ जाता है। मुंह व नाक से खून आने जैसी होती है। कई अंग भी फेल हो सकते हैं।

प्रशासन ने चौंकन्ना रहने को कहा 

पशुपालन विभाग के डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रशांत कांबले ने एक परिपत्र में कहा कि क्रीमियन कॉन्गो हेमोरेजिक फीवर (CCHF) गुजरात के कुछ जिलों में ही फिलहाल पाया गया है। जिसके चलते अब पालघर जिला और सीमावर्ती गुजरात  के गांवों  में भी एक अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि पालघर से गुजरात का वलसाड जिला लगा हुआ है।  पालघर जिले में अब तक क्रीमियन कॉन्गो हेमोरेजिक फीवर (CCHF) का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके साथ ही प्रशासन ने सिरदर्द, तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, पेट में दर्द और मितली, आंखों की लाली और नाक से खून बहना जैसे लक्षणों के साथ किसी भी व्यक्ति -बच्चे के बारे में  जिला प्रशासन को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।

किसानों को भी किया गया अलर्ट 

किसानों से भी कहा गया है कि वे मास्क, गमबूट और हाथ के दस्ताने पहने और अपने पशुओं के शेड की स्वच्छता सुनिश्चित करें।पालघर जिला पहले से ही ग्रामीण इलाकों में कोरोना के के बढ़ते मामलों से परेशान  है। बीते सोमवार तक जिले में 34,558 मामले आ गए थे, जिनमें से  पालघर में 12,279 मरीज थे।