महाराष्ट्र

Published: Mar 24, 2023 11:41 AM IST

Sanjay Rautमहाराष्ट्र: राउत का राज ठाकरे-BJP पर गंभीर आरोप, बोले- परदे के पीछे से लिखी जा रही राज्य को बर्बाद करने की 'यह' स्क्रिप्ट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic: Social Media

नई दिल्ली/नासिक. महाराष्ट्र (Maharashtra) से मिली बड़ी खबर के अनुसार, अब ठाकरे गुट के कद्दावर सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने आरोप लगाया है कि, महाराष्ट्र (Maharashtra) में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने, दंगे कराने और चुनाव लड़ने के लिए पर्दे के पीछे से से एक ख़ास पटकथा लिखी जा रही है। इसके साथ ही अब राउत के निशाने पर राज ठाकरे (Raj Thackeray) के साथ BJP भी आ गई है।

संजय राउत का बड़ा दावा 

दरअसल संजय राउत ने अब यह दावा किया है कि, उद्धव ठाकरे के डर से ये आंदोलन शुरू किए जा रहे हैं। वहीं उनका कहना था कि, जिस तरह से उद्धव ठाकरे को लोगों का समर्थन मिल रहा है उसे देखकर BJP और उनके अन्य साथी भी डरे हुए हैं। इसलिए वे साम्प्रदायिक दंगे करवाते थे और राज्य और देश में आतंक का माहौल बनाकर चुनाव का सामना करवाते थे। लेकिन पर्दे के पीछे की इनकी ये पटकथा अब राज्य और देश के लोगों के सामने आ गई है। उन्होंने यह भी कहा है कि, इस स्क्रीनप्ले को लोगों के दिमाग में बिल्कुल भी जगह नहीं मिलेगी।

इसके साथ ही संजय राउत ने फडणवीस-ठाकरे के साथ आने की चर्चा पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि, इन अफवाहों का कोई मतलब नहीं है। हम स्वतंत्र हैं। हमारी पार्टी अपने पैरों पर खड़ी है। उनका कहना था कि, हमें दूसरों की परवाह नहीं है।

दादा भुसे और संजय राउत की तनातनी 

गौरतलब है कि, कुछ दिनों पहले शिवसेना UBT सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने शिंदे सरकार में मंत्री दादा भुसे  (Dada Bhuse) पर पैसे की हेराफेरी का आरोप लगाया था। संजय राउत ने आरोप लगाया था कि दादा भुसे ने  एक कंपनी के नाम पर किसानों से 178.5 करोड़ रुपए के शेयर बटोरे लेकिन कंपनी की वेबसाइट पर केवल 1.67 लाख शेयर बटोरने की बात कही गई जिन्हें सिर्फ 47 सदस्यों के नाम पर दिखाया गया है।

वहीं दादा भुसे ने संजय राउत के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा था कि यदि वह दोषी पाए जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे, लेकिन  अगर आरोप गलत हैं तो राउत को राज्यसभा सांसद और सामना के संपादक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इधर दादा भुसे की प्रतिक्रिया पर संजय राउत ने कहा था कि, मैंने उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए, मैंने तो बस स्पष्टीकरण मांगा था। उन्होंने कहा कि, दादा भुसे ने  1.75 लाख करोड़ इकट्ठा किए थे लेकिन उनकी वेबसाइट पर 47 किसानों से 1.5 करोड़ रुपए लेने की ही बात कही गई है।