महाराष्ट्र

Published: Apr 25, 2023 12:22 PM IST

Maharashtra Politicsमहाराष्ट्र: संजय राउत का उपमुख्यमंत्री पर वार, CBI से की शिकायत, कहा 'इस' मामले को लेकर फडणवीस ने की अनदेखी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

महाराष्ट्र: हाल ही में आई बड़ी खबर के मुताबिक, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे समूह के नेता और सांसद संजय राउत (MP Sanjay Raut) ने दौंड तालुका में भीमा पाटस सहकारी चीनी मिल में 500 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सीबीआई (CBI) में शिकायत दर्ज कराई है। हर बार की तरह इस बार भी संजय राउत ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा है। आइए जानते है उनोन्हे क्या कहा है… 

संजय राउत ने कहा… 

दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर राउत ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। संजय राउत ने एक ट्वीट में कहा, ‘राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इसकी शिकायत की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। इसलिए मैंने भीमा में पाटस सहकारी चीनी मिल में 500 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई है।’ अब देखते हैं आगे क्या होता है।”

बुधवार को है संजय राउत की जनसभा 

आपको बता दें कि इस बीच, संजय राउत बुधवार को वरवंड में एक जनसभा करेंगे और भीमा पाटस सहकारी चीनी मिल में मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर बात करेंगे। इस मुलाकात में क्या कहेंगे संजय राउत? कौन बेनकाब होगा? दौंड तालुका सहित पूरे पुणे जिले में इसे लेकर लोगों की नजरें गड़ी हुई है।

मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक बुधवार को शाम 5 बजे वरवंड के नागनाथ विद्यालय मैदान में होगी। पूर्व विधायक पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक रमेश थोराट ने संजय राउत से मुलाकात की जानकारी दी। इस बैठक में संजय राउत के अलावा उपनेता सुषमा अंधारे, विधायक रवींद्र धंगेकर भी मौजूद रहेंगे। 

क्या है पूरा माजरा… 

मिली जानकारी के मुताबिक, संजय राउत ने भीमा पाटस सहकारी चीनी मिल घोटाले मामले में ईडी, आयकर विभाग और उपमुख्यमंत्री को सबूत सौंपे और विधायक कुल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 2016 से, भीमा पाटस सहकारी चीनी मिल को ऑडिट रिपोर्ट में कदाचार के लिए दोषी ठहराया गया था। संपार्श्विक के बिना ऋण लिया गया।

सरकार की ओर से 25 करोड़ रुपये की सब्सिडी के बाद भी लगातार तीन साल तक गन्ना कटाई सीजन बंद रहा। यह आरोप लगाया गया था कि फैक्ट्री के अध्यक्ष और भाजपा विधायक राहुल कुल के नेतृत्व में निदेशक मंडल बैंकों को 180 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए एकमुश्त ऋण चुकौती योजना का लाभ उठाने में विफल रहा।