महाराष्ट्र

Published: Jul 29, 2021 11:36 AM IST

Maharashtra Unlock Updates महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे करेंगे कोविड टास्क फोर्स के साथ अहम बैठक, ले सकते हैं मौजूदा नियमों पर बड़ा फैसला

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कम होते कोरोना (Corona) मामलों के बीच मौजूदा कोविड नियमों में ढील देने की मांग उठने लगी है। ऐसे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) गुरुवार को राज्य की कोविड टास्क फोर्स (Covid Task Force) के साथ एक अहम  बैठक करेंगे। कहा जा रहा है कि, इस बैठक में सीएम ठाकरे कोविड टास्क फोर्स की राय लेंगे और उसके बाद नियमों में ढील पर फैसला ले सकते हैं। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक़, बुधवार को कैबिनेट को महामारी पर प्रेज़ेंटेशन दी गया था। बता दें कि, 1 जुलाई से 27 जुलाई के बीच औसत मृत्यु दर 1.24 फीसदी थी। 27 जुलाई तक, राज्य में 88,729 मामले थे, जिनमें से 39 प्रतिशत का अस्पतालों में इलाज चल रहा था, जबकि 14.27 प्रतिशत की हालत गंभीर थी। भारी बारिश से प्रभावित पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली, कोल्हापुर और सतारा में कोरोना से बनी स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है। बाढ़ प्रभावित रत्नागिरी में भी सक्रिय मामलों की संख्या अधिक है।

आंकड़ों के अनुसार, पुणे, ठाणे, कोल्हापुर, सांगली और सतारा में राज्य के कुल सक्रिय मामलों का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा है। मुंबई में हालांकि कोरोना मामले लगातार कम हो रहे हैं। ऐसे में कई नेताओं ने सीएम ठाकरे से वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके आम लोगों के लिए लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग की है। मुमकिन है कि, आज होने वाली बैठक में सीएम लोकल ट्रेनों को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं। 

हाल ही में राज्य के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने सीएम से नियमों में ढील देने की मांग की है। इनमें दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव की भी मांग की गई थी। कुछ दिन पहले, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा था कि, पुणे की दुकान का समय शाम 7 बजे तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि, सरकार पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को राहत देने पर विचार कर रही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक़, विपक्ष के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सीएम ठाकरे को नागपुर जैसे शहरों को अनलॉक करने को लेकर पत्र लिखा है, इसमें उन्होंने वाणिज्य और व्यावसायिक समुदाय, खुदरा विक्रेता, होटल व्यवसायी और अन्य, जिन्हें सीमित समय में काम करने की अनुमति दी गई है या बिल्कुल भी अनुमति नहीं दी गई है, उन्हें रियायत देने की मांग की गई है।