महाराष्ट्र
Published: Feb 23, 2024 11:40 AM ISTManohar Joshi बालासाहेब के एक फरमान पर मनोहर जोशी ने दिया था मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा, जानें क्या है किस्सा
नागपुर: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी (Manohar Joshi) के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक फैल गया है। हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के सच्चे शिवसैनिक के तौर पर जाने जाने वाले मनोहर जोशी ने दुनिया को अलविदा कद दिया। जोशी एक संस्कारी और संयमी नेता थे, वे अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उन्होंने 40 सालों तक शिवसेना के लिए काम किया।
शिवसेना के प्रमुख नेताओं में से एक मनोहर जोशी थे, उनके मन में बाला साहब को लेकर बहुत आदर था। इसकी एक मशहूर कहानी यह है कि मातोश्री से आये हिंदुहृदयसम्राट के एक आदेश पर मनोहर जोशी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Resigned from the post of CM ) दे दिया था। आइए जानते है इस दिलचस्प किस्से के बारे में…
समर्पण और सम्मान का किस्सा
जानकारी के लिए आपको बता दें कि साल 1995 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन अस्तित्व में आया। इस सरकार में बाला साहेब ठाकरे के आदेश पर मनोहर जोशी को शिवसेना का पहला मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। 1995 में मनोहर जोशी ने शिवाजी पार्क मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
मनोहर जोशी पर आरोप
लेकिन 1999 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा। इसके पीछे का जो किस्सा है उसे आज भी लोग भूले नहीं है। जी हां दरअसल मनोहर जोशी पर आरोप था कि उन्होंने होने दामाद गिरीश व्यास के स्कूल के लिए पुणे में एक प्लॉट आरक्षित किया है। इन आरोपों को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। जिसके बाद बाला साहेब ठाकरे ने मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा।
एक आदेश पर छोड़ा CM पद
बता दें कि उसी समय बाला साहेब ठाकरे ने मनोहर जोशी को संदेश भेजा। जिसमें लिखा था, “प्रिय मुख्यमंत्री, आप अभी जहां भी हों, कृपया सब कुछ बंद कर दें और तुरंत अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दें। फिर मुझसे मिलने आएं।” बालासाहेब के इस एक फरमान पर मनोहर जोशी ने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद छोड़ा।