महाराष्ट्र

Published: Feb 22, 2024 05:25 PM IST

Maratha Reservationमहाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर बवाल जारी, सत्तारूढ़ NCP नेताओं को दिखाये काले झंडे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

लातूर. महाराष्ट्र (Maharashtra) के लातूर (Latur) में बृहस्पतिवार को आरक्षण की मांग को लेकर अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेताओं को काले झंडे दिखाने पर पुलिस ने मराठा समुदाय के कुछ सदस्यों को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यहां अंबेजोगाई मार्ग पर एक होटल में पार्टी के जिला स्तरीय पदाधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई थी।

राकांपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री संजय बनसोडे, महाराष्ट्र महिला राज्य आयोग की अध्यक्ष रूपाली चकणकर और विधान परिषद सदस्य विक्रम काले अपराह्न लगभग एक बजे बैठक स्थल पर पहुंचे तो मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं के एक समूह ने काले झंडे लहराए और आरक्षण की मांग को लेकर नारे लगाए।

अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने मराठा संगठन से संबंधित सात सदस्यों को हिरासत में ले लिया और उन्हें थाने ले जाया गया। उन्होंने कहा कि बैठक स्थल पर बाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई। महाराष्ट्र विधानसभा ने मंगलवार को एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया था। हालांकि, कार्यकर्ता मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने की अपनी मांग पर अड़े दिखे।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महीनों से जारी गतिरोध का समाधान करने के लिए बुलाए गए विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान विधानसभा में ‘महाराष्ट्र राज्य सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ा’ विधेयक- 2024 पेश किया था। इस बीच एक संबंधित घटनाक्रम में, उदगीर तहसील के मालवाड़ी के कुछ निवासी भी मंत्री बनसोडे से मिलने के लिए राकांपा के बैठक स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे मंत्री से शिकायत करना चाहते हैं कि उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है।

पुलिस निरीक्षक अनमोल सागर ने बताया कि हालांकि पुलिस को पता चला कि ये ग्रामीण अपने साथ पेट्रोल से भरी बोतलें लेकर आए हैं जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस उन्हें शिवाजी नगर पुलिस थाने ले गई ताकि पूछताछ करके उनकी मंशा का पता लगाया जा सके। (एजेंसी)