महाराष्ट्र

Published: Apr 03, 2024 06:45 PM IST

Maratha Reservation मराठा आरक्षण वैध या अवैध? हाईकोर्ट प्रशासन ने जारी किया नोटिस

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ और समर्थन में दायर सभी याचिकाओं को उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ के समक्ष वर्गीकृत किया गया है। इस संबंध में हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से बुधवार को नोटिस जारी किया गया है। 

इसके अनुसार, मराठा आरक्षण से संबंधित याचिकाओं पर 10 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय, न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदौस पुनिवाला की पूर्ण पीठ के समक्ष सुनवाई होगी। अब तक इन याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई हो रही थी। इससे पहले जस्टिस कुलकर्णी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रारंभिक सुनवाई हुई। इसमें कहा गया कि, मराठा आरक्षण को लेकर कानून पारित हो चुका है। 

कोई भी अंतरिम रोक लगाने से पहले सभी पक्षों को सुना जाना चाहिए, यह कोई प्रशासनिक आदेश नहीं बल्कि एक कानून को चुनौती दी जा रही है। इसलिए अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते समय, हमें सभी पक्षों, विशेष रूप से अधिनियम के लाभार्थियों, दोनों पीठों और मेडिकल प्रवेश परीक्षा के तहत प्राप्त या किए गए आवेदनों की दलीलें सुननी होंगी। सरकारी भर्ती के संदर्भ में विज्ञापन न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन होंगे, मराठा आरक्षण पर तत्काल रोक को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया गया था।