महाराष्ट्र

Published: Aug 31, 2021 01:58 PM IST

Tarun Tejpal Case बॉम्बे हाईकोर्ट ने तरुण तेजपाल मामले में सुनवाई 20 सितंबर तक स्थगित की

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
तरुण तेजपाल (Photo Credits-Facebook)

पणजी: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) की गोवा पीठ ने पत्रकार तरुण तेजपाल (Tarun Tejpal) को 2013 के एक बलात्कार मामले में बरी किये जाने के खिलाफ गोवा सरकार की अपील पर सुनवाई मंगलवार को स्थगित कर दी। मामले में प्रत्यक्ष और डिजिटल दोनों तरह की (मिश्रित) सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अनुरोध दाखिल होने तक सुनवाई स्थगित की गयी है।  

अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख तय की। अभी तक मामले में ऑनलाइन सुनवाई हो रही थी। मंगलवार को पहली बार मामले में प्रत्यक्ष सुनवाई हुई। गोवा सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या में गिरावट के बाद कोविड-19 संबंधी अनेक पाबंदियों में ढील दी है जिसके बाद यह प्रत्यक्ष सुनवाई हुई। 

इससे पहले इसी माह तेजपाल ने अदालत में दलील देकर गोवा सरकार की उस याचिका पर बंद कमरे में सुनवाई का अनुरोध किया था जिसमें मामले में उन्हें बरी किये जाने को चुनौती दी गयी है। तेजपाल ने याचिका की विचारणीयता पर प्रारंभिक आपत्ति दर्ज कराकर इसे खारिज करने की मांग भी की है।  

गोवा सरकार की ओर से भारत के सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने उस समय बंद कमरे में सुनवाई की तेजपाल की अपील का विरोध करते हुए कहा था, ‘‘देश को यह जानने का हक है कि संस्था ने लड़की (पीड़िता) के मामले को किस तरह लिया।”  

राज्य के महाधिवक्ता देवीदास पनगाम और तेजपाल की तरफ से एक वकील ने मंगलवार को न्यायमूर्ति एम एस सोनक तथा न्यायमूर्ति एम एस जवालकर की पीठ से समय मांगा। उन्होंने मामले में मिश्रित सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अभी तक अपने आवेदन दाखिल नहीं किये हैं।  

पनगाम ने पीठ से मामले में सुनवाई दो सप्ताह और स्थगित करने का अनुरोध किया था ताकि मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आवेदन दाखिल किया जा सके। पीठ ने सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख तय की। गोवा सरकार की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता मंगलवार को अदालत में उपस्थित नहीं थे।

एक सत्र अदालत ने इस साल 21 मई को तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक तेजपाल को यौन उत्पीड़न के एक मामले में बरी कर दिया था। तेजपाल पर नवंबर 2013 में गोवा के पांच-सितारा होटल की लिफ्ट में उस समय की अपनी एक सहकर्मी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। दोनों वहां एक कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे। बाद में गोवा सरकार ने तेजपाल को बरी किये जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की है। (एजेंसी)