मुंबई

Published: May 30, 2023 09:59 PM IST

Mumbai UniversityMU में VC न नियुक्त होने से छात्रों का हो रहा बड़ा नुकसान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: देश के नामचीन विश्वविद्यालयों में से एक मुंबई विश्वविद्यालय (MU) में पूर्णकालिक वाइस चांसलर (VC) की अभी तक नियुक्ति न होने से विश्वविद्यालय में छात्रों का काम ठप हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन (University Administration) पिछले छह महीने से प्रभारी कुलपति और प्र. कुलपति और रजिस्ट्रार के माध्यम से काम चला रहा है। 

कई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिए जाने से का शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। छात्रों के नुकसान को देखते हुए पूर्व सीनेट सदस्य एड. वैभव थोरात और युवा सेना के कार्यकारी सदस्य दिपेश म्हात्रे ने इस संबंध में एक ज्ञापन सांसद श्रीकांत शिंदे (MP Shrikant Shinde) को सौंपा हैं।

800 कॉलेजों का भी कार्य प्रभावित

800 से अधिक कॉलेज मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। इन कॉलेजों में आठ लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। इन कॉलेजों का भी कार्य प्रभावित हो रहा है। पूर्व कुलपति प्रो. सुहास पेडणेकर के कार्यकाल की समाप्ति के बाद लगभग पिछले 6 महीने से मुंबई विश्वविद्यालय का प्रशासन प्रभारी कुलपति, प्र. कुलपति और रजिस्ट्रार के माध्यम से चलाया जा रहा है। महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होने के कारण ये रणनीतिक निर्णय लेने में देरी करते हैं। इससे विद्यार्थियों से संबंधित प्रश्नों और समस्याओं पर ठोस निर्णय नहीं हो पाता है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेजों पर वाइस चांसलर, प्रो-वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार का अधिकार घटता जा रहा है और प्रशासन की मनमानी बढ़ती जा रही है। नतीजतन छात्रों की लंबित समस्याओं की संख्या दिन-ब-दिन लगातार बढ़ती जा रही है।

पाठ्यक्रमों के लंबित परिणाम

पूर्व सीनेटर थोरात ने सांसद श्रीकांत शिंदे को अपने पत्र में लिखा कि पिछले 6 महीने से मुंबई विश्वविद्यालय का प्रशासन कछुआ चाल से चल रहा है और छात्र प्रभावित हो रहे हैं। इसी तरह परीक्षा विभाग भी प्रभारी निदेशक के माध्यम से संचालित हो रहा है, ऐसे में कई पाठ्यक्रमों के परिणाम लंबित हैं। रिजल्ट घोषित होने में समय लगने के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं।