मुंबई

Published: Oct 07, 2022 02:53 PM IST

BMC Elections उत्तर भारतीयों की भरोसे वाली पार्टी है BJP: MP रमपति राम त्रिपाठी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा करने के बाद बीजेपी (BJP) का अगला फोकस राज्य के निकाय चुनावों पर है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे है। मुंबई के नए अध्यक्ष आशिष शेलार (Ashish Shelar) ने भी बीएमसी चुनाव (BMC Elections) कैसे जीता जाए, इसको लेकर रणनीति बनाने में जुट गए है। मुंबई सहित पूरे राज्य के नगर निगमों के चुनाव फरवरी मध्य में हो सकते हैं। बीजेपी की योजना गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र के निगमों के चुनाव कराने की है। गुजरात में बीजेपी पिछले 27 साल से सत्ता में है। पार्टी के नेता चाहें कुछ भी दावा करें, लेकिन इस बार चुनौती मिलना तय है। ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस और शहरी भागों में आम आदमी पार्टी से बीजेपी को चुनौती मिल रही है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश के सभी बड़े नेताओं को वहां सक्रिय किया गया है। मुंबई सहित महाराष्ट्र के नेताओं को भी अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है। आशिष शेलार और इनकी टीम को इस बार भी प्रतिष्ठापूर्ण सूरत जिले का प्रभार सौंपा गया है। मिली जानकारी के अनुसार इसी को ध्यान में रखकर पार्टी ने फरवरी में निगम चुनाव कराने पर विचार कर रही है। नेताओं का मानना है के गुजरात जितने के बाद मुंबई की मैदान उनके लिए आसान हो जाएगा।

यूपी के नेताओं को विशेष जिम्मेदारी

मुंबई में मराठी भाषियों के बाद सबसे ज्यादा उत्तर भारतीय वोटरों की संख्या है। जब तक यह समाज कांग्रेस को वोट देता रहा, पार्टी सत्ता में बनी रही। अब बीजेपी के साथ हो लिया है। इसका परिणाम भी सामने है। वर्ष 2014 और 2019 का लोकसभा और विधानसभा तथा वर्ष 2017 के निगम चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली। मंगलप्रभात लोढा के अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी ने पूरी मुंबई में चौपाल का कार्यकाल चलाकर उत्तर भारतीयों को जोड़ने की दिशा में काम किया। 

आशिष शेलार के आने के बाद रणनीति बदली 

आशिष शेलार के आने के बाद रणनीति बदली है। चूंकि यहां मुकाबला शिवसेना से है इसलिए मराठी वोटरों पर विशेष फोकस है। उत्तर भारतीयों के बीच यूपी के नेताओं को लगाया जाएगा। उत्तर भारतीयों के समर्थन के बिना जीत की राह आसान नहीं है। पार्टी के नेता भी मानते है कि आज की तारीख में उत्तर भारतीयों की पहली पसंद बीजेपी है।

बीजेपी उत्तर भारतीयों की हितैषी

पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया से सांसद डॉ. रमापति राम त्रिपाठी कहते हैं कि बीजेपी और मुंबई में रहने वाला उत्तर भारतीय एक दूसरे के पूरक है। बीजेपी ही उत्तर भारतीयों की हितैषी है। मुंबई दौरे पर आए त्रिपाठी ने कहा कि हिंदुत्व और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने जैसे मुद्दे पर बीजेपी की स्थापना हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पार्टी ने अपने संकल्प को पूरा किया। महाराष्ट्र की राजनीति से सबंधित पूछे गए सवाल पर त्रिपाठी ने कहा कि बाल ठाकरे की शिवसेना से उनके दल का वैचारिक गठबंधन था, लेकिन मौजूदा नेतृत्व ने सत्ता के लालच में अपने विचारधारा से समझौता कर लिया। यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। दशहरा की रैली में सभी ने देखा है कि असली शिवसेना किसके साथ है। त्रिपाठी ने दावा किया कि बीजेपी जिस विचारधारा को लेकर चली थी, उसको आगे बढ़ा रही है। मोदी के नेतृत्व में बीजेपी और देश दोनों मजबूत हुआ है,हमें इस पर गर्व है।

पिछले चुनाव में बीजेपी सत्ता के करीब थी, चूंकि शिवसेना हमारे साथ थी, इसलिए हमारे नेताओं ने त्याग किया और सत्ता उनके हाथ सौंप दिया। इस बार ऐसा नहीं होगा, हम जीतेंगे। मुंबई सहित पूरे राज्य के उत्तर भारतीय बीजेपी के साथ है। सत्ता में उनको उचित भागीदारी भी मिलेगी।

-डॉ. रमपति राम त्रिपाठी, बीजेपी सांसद, देवरिया