मुंबई

Published: May 26, 2022 12:10 PM IST

Maharashtra Politicsमंत्री अनिल परब के ठिकानों पर ED की छापेमारी पर BJP नेता सोमैया का 'तंज', बोले- रहे जेल जाने के लिए तैयार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiyaa) ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के परिवहन मंत्री अनिल परब (Anil Parab) के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत प्रदर्शन निदेशालय (ED) की छापेमारी के मद्देनजर उन्हें जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय ने रत्नागिरि जिले के तटीय दापोली इलाके में भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं और अन्य आरोपों को लेकर परब एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत राज्य में बृहस्पतिवार को कई स्थानों पर छापे मारे।

संघीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक ताजा मामला दर्ज किया है, जिसके बाद दापोली, मुंबई और पुणे में कई स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं। तीन बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित परब (57) राज्य के परिवहन मंत्री हैं। इससे पहले, निदेशालय महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को धनशोधन के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार कर चुका है।

सोमैया ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘अनिल देशमुख और नवाब मलिक के बाद अब राज्य कैबिनेट के तीसरे मंत्री अनिल परब को जेल जाने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है…। मुझे भरोसा है कि जांच एजेंसियां परब के खिलाफ केवल एक मामला नहीं, बल्कि सभी आरोपों को उजागर करेगी।”

पूर्व भाजपा सांसद ने कहा कि वह पिछले कुछ वर्षों से लगातार विभिन्न मुद्दों को उठा रहे हैं और परब के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई दापोली में 2017 में परब द्वारा एक करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर एक भूखंड की खरीद संबंधी आरोपों से जुड़ी है। इस भूखंड को 2019 में पंजीकृत किया गया था। एजेंसी कुछ अन्य आरोपों की भी जांच कर रही है।

आरोप है कि इस भूखंड को बाद में मुंबई के केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1.10 करोड़ रुपए के प्रतिफल मूल्य पर बेच दिया गया था। इस बीच, इसी जमीन पर 2017 से 2020 तक एक रिजॉर्ट बनाया गया। आयकर विभाग की जांच में पहले कहा गया था कि रिजॉर्ट का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में छह करोड़ रुपए नकद खर्च किए गए थे। सौमैया ने आरोप लगाया है कि रिसॉर्ट का निर्माण तटीय नियामक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाके में अवैध रूप से किया गया और बताया जाता है कि इस पर परब का अप्रत्यक्ष स्वामित्व है।