मुंबई

Published: Dec 27, 2020 05:16 PM IST

ताकतC-452 ने बढ़ाई तटरक्षक बल की ताकत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अरविंद सिंह

मुबई. भारतीय नौसेना (Indian Navy) समुद्र में दुश्मन से ‘लोहा’ लेती है तो तटों के रक्षा की जिम्मेदारी तटरक्षक बल की होती है. पश्चिम (West) से लेकर दक्षिण (South) और पूर्व में भारत की लम्बी समुद्री सीमाओं (Sea Borders) की रक्षा भारतीय तटरक्षक (Indian Coast Guard) करते हैं. विश्व की चौथी सबसे बड़ी ‘कोस्टगार्ड ताकत’ भारत (India) के पास अत्याधुनिक तकनीक से सज्जित छोटे-बड़े कई युद्धपोत हैं, जो लड़ाई के समय भारतीय नौसेना के साथ ‘कंधा से कंधा’ मिलाने को तत्पर रहते हैं.

 तटरक्षक बल का पश्चिमी बेड़ा काफी मजबूत है. छोटे-छोटे अभियानों में अक्सर छोटे लड़ाकू जहाज कारगर सिद्ध होते हैं. ऐसे छोटे लड़ाकू जहाजों को ‘इंटरसेप्टर’ (अवरोधक) कहते हैं. हाल ही में रत्नागिरी कोस्टगार्ड को सौंपा गया इंटरसेप्टर सी-452 पश्चिमी बेड़े के लिए समुद्र में काफी कारगर माना जा रहा है. यह सी-452 के तहत 54 इंटरसेप्टर बोट्स श्रंखला का 52वां जहाज है, जिसे पश्चिमी सी बोर्ड के अतिरिक्त महानिदेशक राजन बारगोत्रा ने ‍वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए कोस्टगार्ड को कमीशन किया था.

‘सचेत’ का जलावतरण

इससे पूर्व मई  में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गोवा में  ‘सचेत’ और 2 इंटरसेप्टर बोट्स सी-450 और  सी-451 को तट रक्षक बल को सौंपा था. भारतीय समुद्री इतिहास में पहली बार किसी पोत का जलावतरण कोविड-19 महामारी के कठिन प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे एहतियाती कदमों को ध्यान में रखकर डिजिटल माध्यम से किया गया था. ‘सचेत’ और लगातार कई ‘इंटरसेप्टर’ के शामिल होने से तटरक्षक बल का पश्चिमी बेड़ा काफी मजबूत हुआ है.

पश्चिमी बेड़े की ताकत

कोस्टगार्ड सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिमी बेड़े में करीब 15 बड़े जहाज हैं. मध्यम आकार के युद्धपोतों की संख्या 18 से 20 है और  छोटे जहाजों की संख्या 22 है. ये सभी युद्धपोत मुंबई, गोवा, मंगलूरू और कोच्चि को मिलाकर हैं.

जहाज की खासियत