मुंबई
Published: Jun 15, 2022 05:02 PM ISTMBMC Schoolsबिना यूनिफॉर्म MBMC स्कूल पहुंचे बच्चे
-अनिल चौहान
भायंदर: दो साल की लंबे समय के बाद मंगलवार को बच्चे मीरा-भायंदर महानगरपालिका (Mira-Bhayander Municipal Corporation) के विद्यालय में कदम रखा पर अफसोस की बात यह रही कि बच्चे बिना यूनिफार्म (Without Uniform) में और जूता-मोजा और बैग से महरूम थे। ऐसा होते हुए भी बच्चों का स्वागत कर महापौर ज्योत्स्ना हसनाले और महानगरपालिका प्रशासन प्रमुख दिलीप ढोले खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
वैसे अतीत को देखे तो किसी साल मीरा-भायंदर महानगरपालिका के विद्यालयों (Schools) के बच्चों को समय पर यूनिफॉर्म मिला ही नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही और काम चोरी के चलते यूनिफॉर्म मिलते-मिलते शैक्षणिक वर्ष खत्म होने को आ जाता है।
कोरोना के कारण बंद थे स्कूल
पिछले दो साल से कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद थे। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी इस साल बच्चों को समय पर यूनिफॉर्म मिल जाएगा। स्थायी समिति के चेयरमैन राकेश शाह ने बताया कि हमने फरवरी महीने में ही यूनिफॉर्म, बैग, जूते-मोजे खरीदने के लिए प्रशासन को आर्थिक-प्रशासकीय मंजूरी दे दी थी, लेकिन प्रशासन ने निविदा फाइनल कर ठेके को मंजूरी देने का प्रस्ताव हमारे पास भेजा ही नहीं। यह प्रशासन की बहुत बड़ी लापरवाही है।
अधिकारियों के शीतयुद्ध के कारण यूनिफॉर्म खरीदा नहीं जा सका!
प्रशासन से जुड़े सूत्र बताते हैं कि उपायुक्त (शिक्षण) अजित मुठे और सहायक आयुक्त (शिक्षण) प्रियंका भोसले के बीच शीतयुध्द के कारण यूनिफॉर्म खरीदा नहीं जा सका। सूत्रों की बात पर यकीन करें तो लड़ाई मनचाहे ठेकेदार को ठेका दिलाने की है। उसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ा है और नौनिहाल गणवेश,जूता-मोजा से आज वंचित हैं। नए सहायक आयुक्त (शिक्षण) संजय दोन्दे ने कहा कि यह सच है कि यूनिफॉर्म खरीदी की प्रक्रिया देरी हुई है, लेकिन हम जल्द से जल्द मंगा लेंगे।